लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार की शाम निधन हो गया। वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनकी सेहत को देखते हुए सबसे पहले उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 4 जुलाई को उनकी हालत फिर से बिगड़ती तो यहां से उन्हें पीजीआई में शिफ्ट किया गया, जहां शनिवार की शाम उन्होंने अंतिम सांस ली।
बता दें पीजीआई में शिफ्ट होने के बाद दिन पर दिन उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा था। डॉक्टर लगातार उनकी देखभाल में लगे थे। इस बीच सीएम योगी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेताओं ने समय-समय पर पीजीआई जाकर उनका हालचाल लिया था। कल्याण सिंह के निधन की खबर मिलते ही भाजपा समेत तमात राजनीतिक दलों में शोक की लहर दौड़ गई है। वह 3 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वहीं, केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद उन्हें राजस्थान और हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल भी बनाया गया।
कल्याण सिंह ने प्रखर हिन्दूवादी नेता के तौर पर उस समय अपनी राजनीति की शुरुआत की थी, जब उत्तर प्रदेश से लेकर पूरे देश में कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व था। 90 के दशक में भाजपा के राममंदिर आंदोलन को उन्होंने ही अलग पहचान दी। कल्याण सिंह ने राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। अयोध्या में विवादित ढांचा गिरने की जिम्मेदारी ली और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अगले दिन केंद्र सरकार ने भी यूपी की कल्याण सिंह सरकार को बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद, सितंबर 1997 से लेकर नवंबर, 1999 तक वह फिर यूपी के सीएम बनाए गए। कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह सांसद हैं, तो राजवीर के बेटे संदीप सिंह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री हैं।
कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी सन् 1932 को अलीगढ़ में अतरौली तहसील के मढ़ौली ग्राम के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। कल्याण सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में कड़ी मेहनत कर अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद अध्यापक की नौकरी की। साथ-साथ वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ कर राजनीति के गुण भी सीखते रहे। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में रहकर गांव-गांव जाकर लोगों में जागरूकता पैदा करते रहे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंंह के निधन पर शोक जताते हुए उत्तर प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। उनकी अंत्येष्टि 23 अगस्त की शाम उनके पैतृक गांव अतरौली के नरौरा में गंगा घाट पर होगी। इस दिन पूरे यूपी में सार्वजनिक अवकाश भी रहेगा।