- “उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य पखवाड़ा” बनेगा जनआंदोलन, 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में होगा भव्य आयोजन
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देश पर हरिद्वार से शुरू हुई स्वास्थ्य महाकुंभ की तैयारियाँ
- हर घर तक पहुंचे स्वास्थ्य सेवाएं, किसी स्तर पर न हो लापरवाही :- डॉ आर राजेश कुमार
हरिद्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितम्बर से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस 2 अक्टूबर तक उत्तराखंड सरकार द्वारा “स्वास्थ्य पखवाड़ा” भव्य और दिव्य रूप में आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में यह आयोजन पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच और जनजागरूकता बढ़ाने का एक ऐतिहासिक प्रयास बनने जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि प्रदेश का हर नागरिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँचे और लोग बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सशक्त करने और अंतिम छोर तक सेवाएं पहुँचाने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजेश कुमार ने हरिद्वार से संभाली कमान
धर्मनगरी हरिद्वार की जिम्मेदारी स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार को सौंपी गई है। मंगलवार को वे हरिद्वार पहुंचे, जहाँ विकास भवन सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में विधायक रुड़की प्रदीप बत्रा, विधायक भगवानपुर ममता राकेश समेत कई जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य पखवाड़ा केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज और शासन के बीच सेतु बनने का प्रयास है। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, निजी मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों तक विशेषज्ञ शिविर आयोजित हों। इन शिविरों में हृदय रोग, मधुमेह, स्त्री रोग, बाल रोग और अन्य गंभीर बीमारियों की जांच और उपचार होगा। साथ ही, रक्तदान शिविर भी लगाए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि हर जिले में रोस्टर तैयार कर जनप्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों और पंचायत प्रतिनिधियों को इसमें जोड़ा जाए। इससे स्वास्थ्य शिविरों को व्यापक जनभागीदारी मिलेगी।
निक्षय मित्र योजना पर विशेष जोर
बैठक में डॉ. कुमार ने कहा कि प्रदेश को निक्षय मित्र योजना में देशभर में प्रथम स्थान दिलाना लक्ष्य है। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधि और जिलास्तरीय अधिकारी क्षयरोग से पीड़ित मरीजों को गोद लें। इससे न केवल मरीजों को पोषण और सहयोग मिलेगा, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी जाएगा।
पारदर्शिता और सख्ती का संदेश
स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही और शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अल्ट्रासाउंड केंद्रों की निगरानी सख्त करने और पीसीपीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। झोलाछाप डॉक्टरों पर भी नजर रखने और उनके खिलाफ अभियान चलाने की बात कही।
जनपद आगमन पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने स्वास्थ्य सचिव का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि स्वास्थ्य पखवाड़े को जनभागीदारी से सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर व्यापक प्रचार-प्रसार करेगा, ताकि हर घर तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुँच सके। बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना को पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. सिंह, परियोजना निदेशक के.एन. तिवारी, जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशुतोष भंडारी, डॉ. कोमल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।