देहरादून और उसके आस-पास के क्षेत्रों में सोमवार रात हुई मूसलधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। सहस्रधारा के निकट कारलीगढ़ क्षेत्र में अतिवृष्टि से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। मालदेवता क्षेत्र में नदी के उफान के कारण सड़कें, पुल और पुश्ते बह गए, जबकि रिस्पना और बिंदाल नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई रिहायशी कॉलोनियां जलमग्न हो गईं। कई घरों में मलबा घुस गया और कई दुकानें एवं होटल भी बह गए।
सड़क मार्ग बाधित, कई जगह भूस्खलन
मसूरी-देहरादून मार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। वहीं, देहरादून-पांवटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रेमनगर के पास नंदा की चौकी के समीप पुल बह जाने से सड़क पूरी तरह बंद हो गई है। कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जज रेट पहाड़ी से गिरते पत्थरों की चपेट में आने से स्कूटी सवार एक युवक की मौत हो गई, जिसकी पहचान पंजाब निवासी के रूप में हुई है।
13 लोग लापता, 10 शव बरामद
आसन नदी में एक ट्रैक्टर ट्रॉली बह जाने से 13 लोग लापता हो गए थे। अब तक 10 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 8 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। मसूरी के झड़ीपानी क्षेत्र में राजपुर को जोड़ने वाले पुराने पैदल मार्ग पर हुए भूस्खलन में दो लोग मलबे में दब गए, जिनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई।
शैक्षणिक संस्थानों और मंदिरों में भी नुकसान
भारी बारिश और मलबे के कारण देहरादून स्थित देवभूमि कॉलेज के छात्र-छात्राओं को परिसर से बाहर निकलना पड़ा। वहीं, टपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में पानी भर जाने से रेलिंग और पानी की टंकी बह गई।
मुख्यमंत्री ने किया दौरा, केंद्र सरकार का समर्थन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं और लगातार कार्यरत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली और हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक प्रभावित परिवार के साथ है और राहत कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।