टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। ब्रिस्बेन में खेले गए चौथे टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 3 विकेट से धूल चटाते हुए टेस्ट सीरीज 2-1 से जीत ली है। ऑस्ट्रेलियाई टीम 1988 के बाद यानी 33 साल से गाबा के मैदान पर टेस्ट मैच नहीं हारी थी, लेकिन टीम इंडिया ने इसको भी मुमकिन कर दिखाया और गाबा के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत का अंत कर दिया। साथ ही भारत ने वेस्टइंडीज का 70 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है। इससे पहले वेस्टइंडीज ने गाबा के मैदान पर 1951 में सर्वोच्च लक्ष्य का पीछा करके जीत हासिल की थी, तब उसने 236 रन बनाए थे।
उत्तराखंड के लाल ऋषभ पंत रहे जीत के हीरो
वहीं इस जीत के हीरो देवभूमि के लाल ऋषभ पंत रहे, जिन्होंने दूसरी पारी में नाबाद 89 रन बनाए। ऋषभ ने यह पारी 138 गेदों पर 8 चौको और एक छक्के की मदद से खेली। पहली पारी में ऋषभ पंत सिर्फ 23 रन बनाकर आउट हो गए थे। ऋषभ पंत की पारी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी ही जमीन पर लगातार दूसरी बार पटखनी दी है।
ब्रिस्बेन की ही तरह सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने जीत के लिए 407 रन का टारगेट रखा था। दूसरी पारी में ऋषभ पंत ने 97 रन बनाए थे। यह पारी उन्होंने 118 गेंदों पर 12 चौकों और 3 छक्को की मदद से खेली थी। वहीं, पहली पारी में ऋषभ ने 67 गेंदों पर 36 बनाए थे।
रुड़की स्थित ऋषभ पंत की कॉलोनी में जश्न
रुड़की के रहने वाले ऋषभ पंत के आवास ढंढेरा अशोक नगर में क्षेत्रीय लोगों ने मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की। लोगों का कहना है कि ऋषभ पंत ने क्षेत्र और राज्य और देश का नाम रौशन किया है। इसलिए आने वाले समय वो एक और बेहतरीन क्रिकेट खेलेगा। पड़ोसियों ने अपनी खुशी का इजहार किया और पटाखे छोडे। कॉलोनी वाले जब भी ऋषभ पंत इंडिया टीम को जीत हासिल कर आते हैं, तभी पूरे उत्साह से भरे होते हैं और शुभकामनाएं देते हैं। कॉलोनी वालों का कहना है उनके लिए बहुत ही खुशी का पल है कि उनके बीच पला बड़ा हुआ बच्चा ऋषभ पंत ने आज अपने देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है।