देहरादून: अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने वर्चुअल माध्यम से गृह सचिव भारत सरकार अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में भारत सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना ‘‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’’ की समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया। इस बैठक में चार राज्यों तथा समस्त केन्द्रीय मंत्रालयों ने प्रतिभाग किया। बैठक में गृह सचिव ने उत्तराखण्ड राज्य को 51 सीमान्त ग्रामों का विलेज एक्शन प्लान अति शीघ्र बनाकर भारत सरकार को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव गृह विभाग उत्तराखण्ड श्रीमती राधा रतूड़ी ने जानकारी दी कि विलेज एक्शन प्लान 23 अक्टूबर तक प्रेषित कर दिए जाएंगे। उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया कि राज्य सरकार को भी वीवीपी (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम) के पोर्टल को देखने का अधिकार दिया जाए ताकि शीघ्र अनुपालन हो सके। एसीएस ने आग्रह किया कि चीन सीमा पर स्थित ग्रामों से आईटीबीपी एवं आर्मी द्वारा लोकल प्रोक्योरमेंट किया जाए इससे आजीविका के साधन बढ़ेगें एवं पलायन को रोका जा सकेगा। उक्त अनुरोधों पर गृह सचिव भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को सकारात्मक आश्वासन दिया गया।
उल्लेखनीय है कि यह उपयुक्त मुद्दों पर गत 7 अक्टूबर को केन्द्रीय गृह मंत्री एवं मुख्यमंत्री की बैठक पर भी चर्चा की गई थी।
विदित है कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत भारत सरकार सीमावर्ती गांवों को सशक्त बनाने का काम कर रही है। इन गांवों में सरकार रोड कनेक्टिविटी, पेयजल, सौर और पवन ऊर्जा सहित बिजली, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटन केन्द्र, बहुउददेशीय केंद्र और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा और स्वास्थ्य कल्याण केंद्रो से जोड़ना चाहती है। देश के पर्वतीय एवं सीमान्त राज्यों से इसकी शुरूआत की जा रही है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत व्यापक विकास के लिए अरुणाचल प्रदेश सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवो की पहचान गई है। पहले चरण में प्राथमिकता के आधार पर 662 गांव की पहचान की गई है, जिनमें अरुणाचल प्रदेश के 455 गांव, हिमाचल प्रदेश के 75, लद्दाख के 35, सिक्किम के 46 और उत्तराखंड के 51 सीमावर्ती गांवों को शामिल किया गया है।