- पिछले एक साल में उत्तराखंड में साइबर धोखाधड़ी के 26,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे ₹167 करोड़ का वित्तीय नुकसान हुआ है।
रूड़की: बजाज फिनसर्व का हिस्सा और भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) बजाज फाइनेंस लिमिटेड ने उत्तराखण्ड पुलिस के साथ मिलकर सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज, रूड़की में साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ ‘नॉकआउट डिजिटल फ्रॉड’ नामक एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें भिन्न-भिन्न तरह के जोखिमों और फाइनेंस को सुरक्षित रखने के सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीकों पर डिजिटल लेनदेन करने वाले लोगों और छात्र, छात्रओं को जागरूक किया गया।
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड पुलिस के एस आई, प्रवीण बिष्ट ने बताया साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए कभी भी अंजान लिंक व्हाट्सअप या ईमेल पर आया हो तो नहीं खोलना चाहिए। इसके जरिये फ्रॉड को अंजाम देने वाले आपके फ़ोन को हैक कर देते हैं। जिससे फ़ोन की सारी जानकारी उनके पास आ जाती है। ये साइबर फ्रॉड इसी जानकारी से आपके पैसे से लेकर आपके सोशल मीडिया से आपकी पर्सनल फोटो, विडिओ निकाल लेते है और इनको एडिट कर के आपको ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठते हैं।
उन्होंने ये भी कहा को कभी भी ऐपीके फाइल डाउनलोड ना करे; आपने गलती से कर दिया है तो वो आपके फ़ोन को बहुत ही आसानी से हैक कर देते हैं। बुजुर्ग लोगो से फ्रॉड करने वाले फ़ोन करके ओटीपी या डेबिट कार्ड बंद होने का और अन्य बहाने बना के खाते से पैसा निकल लेते है। कुछ साइबर फ्रॉड तो सोशल मीडिया अकाउंट से फोटो और विडिओ निकाल कर उन्हें एडिट करके अश्लील फोटो/ विडिओ बना कर ब्लैकमेल करते है और मोटी रकम मांगते है। सोशल मीडिया अकाउंट पर हमेशा अपनी प्राइवेसी सेटिंग ऑन करके रखे जिससे आपके सोशल मीडिया से कोई जानकारी ना निकल पाए।
आज कल डिजिटल अरेस्ट का डर दिखा कर साइबर अपराधी लोगो से बड़ी मात्रा में पैसे ऐंठ रहे है। पुलिस या किसी और के द्वारा कोई किसी को डिजिटल अरेस्ट नहीं कर सकता। इसीलिए साइबर फ्रॉड होने के स्थिति में तुरंत भारत सरकार के साइबर फ्रॉड हेल्प लाइन नम्बर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज करायें। उन्होंने जन-जागरूकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता बढ़ाने वाली कोई भी पहल न केवल स्वागत योग्य है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा में मदद करने के लिए जरूरी भी है।”
इस मौके पर संजीव कुमार, जोनल हेड, नार्थ,(आरसीयू) बजाज फाइनेंस ने बताया नॉकआउट डिजिटल फ्रॉड’ कार्यक्रम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2024 में एनबीएफसी के लिए जारी की गईं उन धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जिनमें डिजिटल ईकोसिस्टम को सभी के लिए सुरक्षित बनाने के लिए जल्द पहचान, कर्मचारियों के दायित्व और जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। कार्यक्रम का उद्देश्य नागरिकों का ध्यान आम वित्तीय धोखाधड़ी की ओर आकर्षित करना है, जिसमें फाइनेंस कंपनियों की ही तरह दिखने वाले फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट, व्हाट्सएप ग्रुप और वेबसाइट बनाकर झूठे दावा करते हैं और उनके कर्मचारी होने का दावा करते हैं। हमारे उपभोक्ताओं की वित्तीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित लगातार ऑनलाइन और ऑफलाइन सलाह जारी कर रहे हैं, साथ ही नागरिकों के साथ इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर जमीनी स्तर पर भी बातचीत के जरिए, सभी को साइबर सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। नॉकआउट डिजिटल फ्रॉड’ कार्यक्रम साइबर समुदाय को व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए बहुमूल्य सुझाव प्रदान कर रहे हैं, जिसमें ओटीपी-पिन साझा करने, संदिग्ध ईमेल, एसएमएस, लिंक, क्यूआर कोड पर क्लिक करने और अज्ञात स्रोतों से एप्लिकेशन डाउनलोड करने से बचना शामिल है। इसमें प्रमुख शहरों और कस्बों में परस्पर संवादात्मक (इंटरैक्टिव) कार्यशालाओं, डिजिटल जागरूकता अभियानों और सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शामिल है ।
इसी कार्यक्रम में बोलते हुए देहरादून के पूर्व डीएसपी श्री बृजभूषण जुयाल ने नागरिकों को सोशल और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रहने की सलाह दी। उन्होंने सावधान करते हुए कहा, “धोखेबाज अक्सर कम जागरूकता का फायदा उठाते हैं, और लोगों को बेतहाशा लाभ के झूठे वादे करके लुभाते हैं। मैं नागरिकों से सतर्क रहने, संदिग्ध गतिविधि की सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन को देने और ऑनलाइन अनजान प्रोफाइल से संपर्क करने से बचने का आग्रह करता हूं। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।”
इस अवसर पर सब इंस्पेक्टर, प्रवीण बिष्ट, उत्तराखंड पुलिस, पूर्व डीएसपी श्री बृजभूषण जुयाल, उत्तराखंड पुलिस, एरिया मैनेजर, बजाज फाइनेंस, हरिओम शर्मा, जोनल हेड, नार्थ,(आरसीयू ) संजीव कुमार, रमेश कुमार रावल, मैनेजर, योगी मंगलनाथ,सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज रूड़की भी मौजूद रहे।