• Advertise With us
  • Contact Us
    • About us
Bharatjan Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar
Advertisement
  • होम
  • देश
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा एवं रोजगार
  • तकनीकी एवं गैजेट्स
  • धार्मिक
  • स्वास्थ्य एवं सुंदरता
  • मनोरंजन
  • मौसम
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • विशेष
  • CONTACT US
No Result
View All Result
  • होम
  • देश
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा एवं रोजगार
  • तकनीकी एवं गैजेट्स
  • धार्मिक
  • स्वास्थ्य एवं सुंदरता
  • मनोरंजन
  • मौसम
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • विशेष
  • CONTACT US
No Result
View All Result
Bharatjan Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar
No Result
View All Result

जीएसटी दर में कटौती: उत्तराखंड में कृषि, पर्यटन और उद्योग को मिली मजबूती

BharatJan by BharatJan
21 October 2025
जीएसटी दर में कटौती: उत्तराखंड में कृषि, पर्यटन और उद्योग को मिली मजबूती

RelatedPosts

पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी, पुलिसकर्मियों के लिए की कई घोषणाएं

पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी, पुलिसकर्मियों के लिए की कई घोषणाएं

21 October 2025
राज्यपाल ने बदरीनाथ धाम पहुंचकर की पूजा अर्चना, राज्य और देश की सुख समृद्धि की कामना की

राज्यपाल ने बदरीनाथ धाम पहुंचकर की पूजा अर्चना, राज्य और देश की सुख समृद्धि की कामना की

21 October 2025
  • पहाड़ी तूर दाल, लाल चावल और लखौरी मिर्च पर जीएसटी घटाकर 5% करने से पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा मिला है, जिससे 13 पहाड़ी जिलों के छोटे किसानों को मदद मिली है।
  • 7,500 रुपए तक के होटल शुल्क पर जीएसटी घटाकर 5% करने से पर्यटन को राहत मिली है, जिससे प्रमुख स्थलों के 80,000 लोगों को लाभ हुआ है।
  • ऐपण, रिंगाल और ऊनी उत्पादों पर जीएसटी घटाकर 5% करने से शिल्प क्षेत्र में बड़ा सुधार देखने को मिला है, जिससे महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों और पारंपरिक कारीगरों को लाभ मिला है।
  • जीएसटी 28% से घटाकर 18% करने से ऑटो उद्योग को बढ़ावा मिला है, जिससे वाहन 8-10% सस्ते हो गए हैं और 50,000 नौकरियों को बढ़ावा मिला है।

नई दिल्ली: हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है, जहाँ सीढ़ीनुमा खेती का, आध्यात्मिक पर्यटन के साथ तालमेल देखने को मिलता है और प्राचीन शिल्प उभरते उद्योगों के साथ घुलमिल जाते हैं। पुरोला के लाल चावल के खेतों से लेकर नैनीताल और मसूरी के चहल-पहल भरे होमस्टे तक, राज्य की अर्थव्यवस्था प्रकृति, परंपरा और उद्यमशीलता के समृद्ध संतुलन को दर्शाती है।

हाल ही में जीएसटी दरों में किए गए बदलाव से इस पहाड़ी अर्थव्यवस्था को समय रहते बढ़ावा मिला है, जिससे कृषि, पर्यटन, शिल्प और विनिर्माण क्षेत्र में करों में कमी आई है। पहाड़ी तूअर दाल, लाल चावल, हस्तशिल्प, ऊनी वस्त्र और आतिथ्य जैसी प्रमुख वस्तुओं और सेवाओं पर दरें कम करके, इन सुधारों का मकसद सामर्थ्य में सुधार लाना, छोटे उत्पादकों को सशक्त बनाना और राज्य के पर्यावरण-अनुकूल तथा उच्च-मूल्य वाले क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करना है। यह सुधार उत्तराखंड के सतत् विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो पहाड़ों में आजीविका को बढ़ावा देते हुए मैदानी इलाकों में उभरते औद्योगिक केंद्रों को मज़बूत करेगें।

कृषि एवं अन्य उत्पाद

पहाड़ी तूर दाल

चमोली, अल्मोड़ा, टिहरी, नैनीताल और पिथौरागढ़ में उगाई जाने वाली पहाड़ी तूर दाल की खेती वर्षा-आधारित छोटे किसान पारंपरिक बारहनाजा मिश्रित फसल प्रणाली के तहत करते हैं। जैविक और स्थानीय रूप से प्रसिद्ध होने के कारण, यह उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों का एक अहम हिस्सा है और 13 पहाड़ी जिलों में इसकी व्यापक रूप से खेती की जाती है।

जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने से, इसकी कीमतें और अधिक किफायती होने की उम्मीद है, जिससे पहाड़ी तुअर दाल जैविक और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य बाज़ारों में और अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएगी। इस बदलाव से टिकाऊ पहाड़ी खेती को प्रोत्साहन मिलने और छोटे व सीमांत किसानों की आय की संभावनाओं में सुधार होने की उम्मीद है।

उत्तराखंड लाल चावल

पुरोला और मोरी में उगाया जाने वाला उत्तराखंड का लाल चावल अपने पारंपरिक मूल्य और पहाड़ी कृषि-जैव विविधता में योगदान के लिए जाना जाता है। जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने से, इसकी कीमतें और अधिक प्रतिस्पर्धी होने की उम्मीद है, खासकर पैकेज्ड और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य बाज़ारों में। इस बदलाव से लाल चावल की खेती से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े करीब 4,000 लोगों को मदद मिलेगी, स्थानीय रोज़गार पैदा होगा और सतत् पहाड़ी कृषि को बढ़ावा मिलेगा।

अल्मोड़ा लखोरी मिर्च

अल्मोड़ा की जीआई-टैग वाली लखोरी मिर्च अपनी खास सुगंध और स्वाद के लिए जानी जाती है। जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने से, इसकी कीमतें और अधिक प्रतिस्पर्धी होने की उम्मीद है, जिससे इसकी खेती से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े करीब 5,000 लोगों को लाभ होगा। यह कदम स्थानीय किसानों के लिए लाभकारी होगा और इस पारंपरिक पहाड़ी मसाले की बाजार में उपस्थिति को मजबूत करेगा।

पर्यटन एवं कुटीर उद्योग

पर्यटन एवं होमस्टे

होटल और रेस्टोरेंट सहित पर्यटन, उत्तराखंड के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 13.57% का योगदान देता है और करीब 80,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है। 7,500 रुपए तक के होटल शुल्क पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है। इस सुधार से यात्रा और अधिक किफायती होने और नैनीताल, मसूरी, औली, चोपता, मुनस्यारी, हरिद्वार और ऋषिकेश के छोटे होटलों, रेस्टोरेंट और होमस्टे को लाभ होने की उम्मीद है।

ऐपण कला और सजावटी हस्तशिल्प

अल्मोड़ा, बागेश्वर और नैनीताल सहित कुमाऊँ क्षेत्र में प्रचलित ऐपण एक पारंपरिक दीवार और फर्श कला है, जिसे अब बैग, दीवार पर लटकाने वाली वस्तुओं और उपहार वस्तुओं में रूपांतरित किया जा रहा है। जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने से, इस सुधार से करीब 4,000 लोगों, खासकर महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमों को लाभ होने की उम्मीद है, साथ ही जीआई-टैग को बढ़ावा देने और स्थानीय हस्तशिल्प बाजारों का विस्तार करने में भी मदद मिलेगी।

हाथ से बुने हुए ऊनी वस्त्र

उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में, स्थानीय रूप से हाथ से बुने हुए स्वेटर, टोपी और मोज़े पहाड़ी महिलाओं द्वारा संचालित एक अहम मौसमी कुटीर उद्योग हैं। जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने से, कीमतों में 6-7% की गिरावट आने की उम्मीद है, जिससे करीब 10,000 लोगों को आजीविका में सहारा मिलेगा और छोटे उत्पादकों को पर्यटन के लिहाज़ से सबसे अच्छे मौसम में बेहतर लाभ कमाने में मदद मिलेगी।

रिंगाल (पहाड़ी बाँस) शिल्प

रिंगाल मुख्य रूप से पिथौरागढ़, चंपावत और नैनीताल में उत्पादित, एक स्थानीय छोटा बाँस है, जिसका इस्तेमाल टोकरियाँ, ट्रे और उपयोगी वस्तुएँ बनाने में किया जाता है। जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने से, यह सुधार रिंगाल-आधारित हस्तशिल्प में लगे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों को मदद प्रदान करता है। गढ़वाल हिमालय में एक अध्ययन में पाया गया कि करीब 47.65% पहाड़ी परिवार रिंगाल या बाँस शिल्प कार्य से कुछ आय अर्जित करते हैं, जो ग्रामीण आजीविका को बनाए रखने में इसकी भूमिका को रेखांकित करता है।

पारंपरिक ऊनी उत्पाद (पंखी, शॉल, स्टोल)

चमोली, उत्तरकाशी और बागेश्वर में स्थानीय भेड़ के ऊन से हस्तनिर्मित, ये पारंपरिक ऊनी वस्तुएँ उत्तराखंड की शिल्प विरासत और ग्रामीण आजीविका का अभिन्न अंग हैं। जीएसटी में 12% से 5% की कटौती से स्थानीय मेलों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों के ज़रिए बिक्री को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे पारंपरिक शिल्प को संरक्षित करने और इस कुटीर उद्योग पर निर्भर पहाड़ी महिला कारीगरों को समर्थन देने में मदद मिलेगी।

उद्योग एवं विनिर्माण

खाद्य प्रसंस्करण

उत्तराखंड में 383 पंजीकृत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ हैं, जो मुख्य रूप से रुद्रपुर में स्थित हैं और लगभग 30,000 लोगों को रोजगार देती हैं। जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% करने से मार्जिन में सुधार, मूल्य संवर्धन को प्रोत्साहन और फल प्रसंस्करण, हर्बल उत्पादों और जैविक खाद्य पदार्थों जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे राज्य का कृषि-औद्योगिक आधार मजबूत होगा।

ऑटोमोबाइल क्षेत्र

पंतनगर, रुद्रपुर, हरिद्वार और काशीपुर में फैले ऑटोमोबाइल विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50,000 लोग कार्यरत हैं। 1200 सीसी (पेट्रोल) और 1500 सीसी (डीज़ल) तक के वाहनों पर जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% करने से कीमतों में लगभग 8-10% की गिरावट आने की उम्मीद है। इससे घरेलू मांग बढ़ेगी, निर्माताओं को मदद मिलेगी और ऑटोमोबाइल मूल्य श्रृंखला में अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

मेडिकल डिवाइस पार्क

उत्तराखंड राज्य अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) औद्योगिक क्षेत्र में स्थित, इस मेडिकल डिवाइस पार्क में विनिर्माण गतिविधियों में करीब 4,000 लोग कार्यरत हैं। चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने से उत्पादन लागत कम होगी, प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और स्वास्थ्य सेवा विनिर्माण व्यवस्था में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे उत्तराखंड का चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र और मज़बूत होगा।

जीएसटी सुधार उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में व्यापक लाभ प्रदान करते हैं, पारंपरिक फसलें उगाने वाले छोटे पहाड़ी किसानों से लेकर ऐपण और रिंगाल शिल्प को संरक्षित करने वाली महिला कारीगरों तक, और ऋषिकेश के होमस्टे मालिकों से लेकर रुद्रपुर के औद्योगिक श्रमिकों तक।

कर के बोझ को कम करके और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करके, ये सुधार आजीविका सुरक्षा, पर्यटन, एमएसएमई विकास और हरित उद्यमिता को मज़बूत करेंगे। ये उपाय मिलकर पहाड़ और बाज़ार के बीच की खाई को पाटते हैं और उत्तराखंड के समावेशी, सतत् और आत्मनिर्भर विकास के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हैं।

Post navigation

Previous Post

राज्यपाल ने बदरीनाथ धाम पहुंचकर की पूजा अर्चना, राज्य और देश की सुख समृद्धि की कामना की

Next Post

पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी, पुलिसकर्मियों के लिए की कई घोषणाएं

BharatJan

BharatJan

Next Post
पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी, पुलिसकर्मियों के लिए की कई घोषणाएं

पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी, पुलिसकर्मियों के लिए की कई घोषणाएं

No Result
View All Result
https://bharatjan.com/wp-content/uploads/2025/09/Video-1-Naye-Sapne.mp4

Recent Posts

  • पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी, पुलिसकर्मियों के लिए की कई घोषणाएं
  • जीएसटी दर में कटौती: उत्तराखंड में कृषि, पर्यटन और उद्योग को मिली मजबूती
  • राज्यपाल ने बदरीनाथ धाम पहुंचकर की पूजा अर्चना, राज्य और देश की सुख समृद्धि की कामना की
  • मैक्स अस्पताल, देहरादून ने विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस पर बढ़ाई जागरूकता
  • दीपावली के मौके पर आपदा प्रभावितों के बीच पहुँचे सीएम धामी

Browse by Category

  • अंतर्राष्ट्रीय
  • अपराध
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड
  • खेल
  • तकनीकी एवं गैजेट्स
  • देश
  • धार्मिक
  • मनोरंजन
  • मौसम
  • राजनीति
  • विशेष
  • शिक्षा एवं रोजगार
  • स्वास्थ्य एवं सुंदरता
  • Disclaimer
  • Privacy
  • Advertisement
  • CONTACT US

© 2023 Bharatjan News

No Result
View All Result
  • होम
  • देश
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा एवं रोजगार
  • तकनीकी एवं गैजेट्स
  • धार्मिक
  • स्वास्थ्य एवं सुंदरता
  • मनोरंजन
  • मौसम
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • विशेष
  • CONTACT US

© 2023 Bharatjan News