देहरादून। केदारनाथ पैदल मार्ग को मजदूरों की कड़ी मेहनत के बाद दुरुस्त कर लिया गया गया, जिससे 15 दिन बाद पैदल चलकर यूपी, गुजरात और हरियाणा से कुछ तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। 260 मजदूरों की कड़ी मेहनत के बाद पैदल मार्ग को बनाया गया है। वहीं प्रशासन से मिल रहे सहयोग पर केदारनाथ धाम पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों ने आभार जताया है।
बता दें कि 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई त्रासदी के कारण जगह-जगह ध्वस्त हो गया था। जिसके बाद सबसे पहली प्राथमिकता के तहत पैदल मार्ग से तीर्थ यात्राओं को सुरक्षित निकाला गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी और डीएम सौरभ गहरवार के नेतृत्व में चले रेस्क्यू अभियान में हजारों श्रद्धालुओं एवं स्थानीय जनता को हेली सेवा के साथ पैदल आवाजाही से उनकी जान को बचाया गया। इसके बाद प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग को तेजी के साथ दुरुस्त करने की चुनौती थी। इस चुनौती को भी जिला प्रशासन ने पार पा लिया है।
आपदा से 19 किलोमीटर पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। तेजी से काम होने के चलते अब पैदल मार्ग के एक-दो जगहों पर ही परेशानी बनी है, जहाँ पर सुरक्षा जवान तीर्थ यात्रियों को रास्ता पार करवा रहे हैं। ऐसे में पैदल चलकर धाम पहुंच रहे देश के विभिन्न राज्यों के भक्तों में भी ख़ुशी देखने को मिल रही है। केदारनाथ धाम पहुंचे तीर्थ यात्रियों ने कहा कि पैदल मार्ग दुरुस्त हो गया है, लेकिन एक-दो स्थानों पर अभी भी दिक्कत है। जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग की ओर से अच्छी व्यवस्थाएं मिल रही हैं।
अब तक 10 लाख 93 हजार 632 श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। इन दिनों 150 से 200 के करीब तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। हेली सेवाओं के साथ ही पैदल चलकर भी बाबा के भक्त धाम पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पैदल मार्ग के डेंजर वाली जगहों पर सुरक्षा जवान तैनात किए गए हैं, जो भक्तों को सुरक्षित यात्रा करवा रहे हैं।
जिला प्रशासन का प्रयास है कि जल्द से जल्द पैदल मार्ग को और अधिक दुरुस्त किया जाए, जिससे ज्यादा संख्या में भक्त बाबा केदारनाथ के धाम पहुंच सके। पैदल मार्ग पर सैकड़ों की संख्या में लोनिवि गुप्तकाशी के मजदूर मार्ग का ट्रीटमेंट करने में लगे हुए हैं। इसके अलावा सोनप्रयाग – गौरीकुण्ड राजमार्ग को भी दुरुस्त करने का काम तेजी से चल रहा है। यहां भी जल्द ही वाहनों की आवाजाही आई शुरू हो जाएगी। एनएच विभाग की मशीने और मजदूर रात दिन राजमार्ग को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं।