बर्मिंघम (Birmingham Commonwealth Games): भारत की स्टार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया। महिला वेटलिफ्टर मीराबाई 49 किग्रा वेट कैटेगरी में 201 किग्रा वजन उठाकर पहले स्थान पर रहीं। 27 वर्षीय मीराबाई का राष्ट्रमंडल खेलों में यह लगातार दूसरा स्वर्ण पदक (gold medal) है। उन्होने इससे पहले, पिछली बार गोल्ड कोस्ट (2018) में भी गोल्ड मेडल जीता था। मीराबाई चानू की बर्मिंघम में इस जीत पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने ट्वीट कर बधाई दी है।
The exceptional @mirabai_chanu makes India proud once again! Every Indian is delighted that she’s won a Gold and set a new Commonwealth record at the Birmingham Games. Her success inspires several Indians, especially budding athletes. pic.twitter.com/e1vtmKnD65
— Narendra Modi (@narendramodi) July 30, 2022
बर्मिंघम में चानू ने स्नैच राउंड में सबसे ज्यादा वजन उठाने का रिकॉर्ड भी बनाया। स्नैच में 88 और क्लीन एंड जर्क में 113 किग्रा का वजन उठाया। राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में स्नैच राउंड में किसी महिला एथलीट द्वारा उठाया गया यह सबसे ज्यादा भार है।
मीराबाई ने पिछले साल ही देश को वेटलिफ्टिंग (weightlifting) में 21 साल बाद ओलंपिक मेडल दिलाया था। 2020 टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम वेट कैटेगरी में कुल 202 किलो का वजन उठाया था और सिल्वर मेडल जीता था।
मौजूदा कॉमनवेल्थ गेम्स की बात करें, तो भारत को अब तक तीन मेडल मिले हैं और तीनों ही मेडल वेटलिफ्टर्स ने दिलाए हैं। इससे पहले पुरुष कैटेगरी में संकेत महादेव सरगर ने सिल्वर और गुरुराज पुजारी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
मणिपुर की मीराबाई चानू का शुरुआती समय काफी गरीबी में बीता। वह घर के लिए जंगलों में लकड़ियां चुना करती थीं। 12 साल की उम्र से ही चानू वजन उठाती रही हैं और इसी हुनर के कारण वह विश्व स्तर पर देश का परचम लहरा रही है। उन्हें खेल रत्न अवार्ड और पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा चुका है।