नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर चर्चाओं में है। अभिनेत्री कंगना को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वाई श्रेणी की सुरक्षी दी है। इस पर कंगना ने गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद कहा है। एक्ट्रेस कंगना रनोट पहले नेपोटिज़्म की बहस को लेकर, इसके बाद मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से करने के बाद एक बार फिर खबरों में आ गई हैं।
अभिनेत्री ने ट्विटर पर कहा, ‘ये प्रमाण है की अब किसी देशभक्त आवाज को कोई फासीवादी नहीं कुचल सकेगा, मैं अमित शाह जी की आभारी हूं। वो चाहते तो हालातों के चलते मुझे कुछ दिन बाद मुंबई जाने की सलाह देते मगर उन्होंने भारत की एक बेटी के वचनों का मान रखा, हमारे स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लाज रखी, जय हिंद।’
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, नेपोटिज़्म की बहस को लेकर सुर्खियों में रहीं कंगना ने बॉलीवुड से ड्रग्स कनेक्शन को लेकर कई बातें कही। जिसके बाद बीजेपी नेता राम कदम ने कंगना के लिए सुरक्षा की मांग की थी। वहीं इस पर कंगना ने मुंबई पुलिस की सुरक्षा नहीं लेने की बात कही। कंगना ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार या केंद्र सरकार सुरक्षा दे सकती है, मूवी माफिया से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है।
कंगना के इस बयान के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, “हम उनसे अपील करते हैं कि मुंबई ना आएं। आपके बयान से मुंबई पुलिस का अपमान हुआ है। गृह मंत्रालय को इसपर एक्शन लेना चाहिए।” वहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी अपने एक बयान में कहा कि, कंगना यदि मुंबई में असुरक्षित महसूस करती हैं तो उन्हें यहां रुकने का कोई अधिकार नहीं है।
इसके साथ ही एक्ट्रेस के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में शिवसेना की महिला कार्यकर्ताओं विरोध प्रददर्शन किए और उनके पोस्टर पर चप्पल मारी और जलाए। कंगना ने भी बढ़ते विरोध के बीच संजय राउत के मुम्बई ना आने वाले बयान पर कंगना रनौत ने रिएक्ट करते हुए कहा था कि, वह 9 सितंबर को मुंबई आ रही हैं, अगर किसी के बाप में हिम्मत है, तो उन्हें रोक लें।
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जाने किनकों मिलती है यह सुरक्षा
बता दें कि व्यक्ति विशेष की जान के खतरे को देखते हुए पुलिस और स्थानीय सरकार उन्हें सुरक्षा देते हैं। खतरे की गंभीरता के आधार पर सुरक्षा को चार स्तर में बांटा गया है। जिनमें सबसे ऊपर Z+ सिक्योरिटी है। उसके बाद Z, Y, और X का नंबर आता है।
केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्री, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज, बड़े राजनेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों को सरकार की तरफ से सुरक्षा दी जाती है। जिसमें Z+ कैटेगरी के तहत 36 सुरक्षाकर्मी सुरक्षा में तैनात रहते हैं। Z कैटेगरी में 22 सुरक्षाकर्मी सुरक्षा देते हैं। Y कैटेगरी में 11 और X में दो सुरक्षाकर्मी सुरक्षा प्रदान करते हैं।
एसपीजी, एनएसजी, आईटीबीपी और सीआरपीएफ जैसे बल वीआईपी और वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होते हैं।