ऑनलाईन माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं में प्राप्त आवेदनों पर समयबद्धता के साथ 93 प्रतिशत निस्तारण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसे शत प्रतिशत करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता के द्वार की भावना को साकार करने के लिए अधिकांश जन सुविधाएं लोगों को उनके घर तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि देहरादून में विभिन्न प्रमाण पत्र लोगों के घरों तक उपलब्ध कराये जाने के लिए चलाये गये पायलट प्रोजेक्ट के तहत डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम के सफल प्रयोग के बाद इसे प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों तक ले जाने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना क्रांति के इस दौर में ऑनलाईन सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही डाटा सिक्योरिटी का भी विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रदान की जाने वाली धनराशि का वितरण डीबीटी के माध्यम से हो। उन्होंने निर्देश दिये कि पी.एम गतिशक्ति उत्तराखण्ड के तहत योजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन हो इसके लिए संबंधित प्रस्तावों पर निर्धारित बिन्दुओं के अनुसार कार्यवाही की जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि ई-ऑफिस प्रणाली के तहत 89 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सीएम डैशबोर्ड प्रक्रिया के तहत सभी विभाग एक माह के अन्दर की-परर्फामेंस इंडिकेटर (के.पी.आई) बनाना सुनिश्चत करें।
बैठक में जानकारी दी गई कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कौशल विकास के अंतर्गत विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में 2026 तक 10 हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके तहत 09 कोर्स शामिल किये गये हैं। ये सभी कोर्स राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईवीटी) से संबद्ध हैं। जबकि आईटीडीए- सीएससी के तहत 60 हजार से अधिक छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें 25 प्रकार के कोर्स शामिल रहे हैं।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, अपर सचिव विजय जोगदंडे, निदेशक आईटीडीए नीतिका खंडेलवाल और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।