सरकारी भर्तियों में धांधली की शिकायत के बाद सरकार ने भर्ती को रद्द कर दिया है। साथ ही पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की गई है। इसमें नौकरी के एवज में 10 से 25 लाख तक की बात की गई। सरकार ने कहा कि, भर्ती में धांधली के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। नए सिरे से जल्द ही भर्ती भी होगी।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू और कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (JKSSB) के वित्तीय लेखा सहायक (एफएए) और जलशक्ति व पीडब्ल्यूडी विभाग की कनिष्ठ अभियंता (जेई ) सिविल भर्ती को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की गई है।
सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय ने ट्वीट किया कि, “वित्त लेखा सहायक (जेकेएसएसबी एफएए) और कनिष्ठ अभियंता (जेई सिविल) भर्ती रद्द कर दी गई है और चयन प्रक्रिया की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। नयी भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।”
JKSSB FAAs & JE Civil recruitment has been cancelled & a CBI probe recommended into selection process. Govt assures all aspirants that culprits will not be spared & there won't be any compromise on merit. Fresh recruitment process for FAAs and JE Civil will start soon.
— Information & PR, J&K (@diprjk) August 28, 2022
गौरतलब है कि, वित्त लेखा सहायक के उम्मीदवार कथित विसंगतियों को लेकर मेरिट सूची को संभावित रूप से रद्द करने के खिलाफ यहां पिछले कुछ सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भर्ती में धांधली की शिकायत के बाद गृह सचिव आरके गोयल के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय टीम ने पूरे प्रकरण की जांच की थी। जांच में पाया कि इन दोनों भर्तियों में भी सब इंस्पेक्टरों की भर्ती की तर्ज पर जमकर धांधली हुई। समिति ने एफएए के लिए चुने गए 972 उम्मीदवारों और जेई सिविल के लिए चुने गए 209 उम्मीदवारों की चयन सूची को रद्द करने की सिफारिश समिति ने की थी। समिति ने उपराज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा कि इन परीक्षाओं में न सिर्फ अयोग्य उम्मीदवारों का चयन हुआ है बल्कि पेपर भी लीक किया गया।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इन भर्तियों के लिए परीक्षा कराने वाली एजेंसी ने एसएसबी के अफसरों, कर्मियों और कुछ निजी लोगों के साथ मिलकर पेपर लीक किया। उम्मीदवारों से कहा गया कि तीनों भर्तियों में से किसमें चयनित होना चाहते हैं। तीनों के लिए अलग अलग दाम तय किए गए। सब इंस्पेक्टरों के लिए 20 से 25 लाख, एफएए के लिए 13 से 16 लाख और जेई सिविल के लिए 10 लाख तक की बात की गई। इस गड़बड़ी में कौन-कौन शामिल हैं और कैसे इसे अंजाम दिया गया, इसकी सीबीआई से जांच कराएं।
वहीं इससे पहले सरकार इन तीनों भर्तियों को संपन्न कराने वाले जम्मू-कश्मीर सेलेक्शन बोर्ड (जेकेएसएसबी) के छह सचिव स्तर के अफसरों से लेकर चेयरमैन तक बदल दिए थे।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के सामने आने के बाद पुलिस उप-निरीक्षक का चयन रद्द कर दिया था। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया की सीबीआई जांच के भी आदेश दिए।