देहरादून: DGP अशोक कुमार की छवि एक ईमानदार अफसर की रही है। जहां वह आम जनता से सरल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं तो वहीं अपराधियों में उनका खौफ भी है। अब इस ईमानदार और तेज तर्रार अधिकारी में साफ पुलिसकर्मियों को साफ सन्देश दिया कि, भाई-भतीजावाद की आड़ में कानून की अवहेलना बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने पुलिसकर्मियों को बिना किसी के दबाव में आये बिना काम करने का संदेश दिया है। उन्होंने साफ किया कि, कानून के नियमों की अवहेलना करने के मामले में ‘प्रदेश में न तो कोई मेरा भाई है, न कोई मेरा ख़ास है, और न ही यहाँ कोई मेरा रिश्तेदार है। इसलिए उनके दबाव में न आएं और वही करें जो सही है, गलत बिल्कुल भी ना करें।’
अपनी फेसबुक पोस्ट में DGP अशोक कुमार ने लिखा कि,
“साथी पुलिसकर्मी कृपया ध्यान दें.. कभी कभी कुछ लोग आपके सामने कह सकते हैं कि-
-“डीजीपी तो हमारे भाई हैं, ख़ास भइया हैं…”
-“डीजीपी से तो हमारे बेहद घरेलू रिश्ते हैं”,
-“ डीजीपी के यहाँ हमारा आना जाना है, उनके यहाँ रोज़ का उठना बैठना है”,
डी जी पी हमारे गांव के हैं
आदि आदि…
साथियों, जब भी कोई इस तरह की बातें करे तो कृपया सतर्क हो जाएँ। सामान्यतः ऐसा कहने वाला शख़्श आपको अपने प्रभाव में लेना चाह रहा है और हो सकता है कि वह आपसे अनुचित लाभ लेने / अवैध काम कराने का भी प्रयास कर रहा हो। अत: आप से अनुरोध है कि कृपया ऐसे लोगों के जाल में बिल्कुल ना फँसें…
साथियों, मैं आपको बड़े ही सरल शब्दों में यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि प्रदेश में न तो कोई मेरा भाई है, न कोई मेरा ख़ास है, और न ही यहाँ कोई मेरा रिश्तेदार है। मेरे सबसे नजदीक मेरे पुलिस वाले ही हैं। इसलिए कोई ऐसा बोले तो बोलिये कि ठीक है, हमारे डी जी पी हमारे भी हैं । इसलिए उनके दबाव में न आएं और वही करें जो सही है, गलत बिल्कुल भी ना करें।
हाँ इतना ज़रूर है कि यहाँ के सभी सम्भ्रांत जनों को मेरी नीयत और मेरी कार्य प्रणाली पर पूरा भरोसा है, जिसके कारण वे लोग जनहित के मद्देनज़र मुझे सभी ज़रूरी सूचनाएँ देते रहते हैं, जिन पर मैं पूरी निष्ठा से काम करता रहता हूँ। आप सभी को ध्यानपूर्वक सुनें और उनकी कानून के दायरे में मदद करें.. ! जय हिन्द !