- बेरोजगारों ने दिया 24 घंटे का अल्टिमेटम, 13 अप्रैल को घेरेंगे सचिवालय
देहरादून: बेरोजगार सोशल मीडिया में लगातार VDO-VPDO रिजल्ट का विरोध कर रहे हैं। बेरोजगार 7 अप्रैल को उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा स्नातक स्तरीय परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद आक्रोश में हैं। बेरोजगारों ने आरोप लगाया की रिजल्ट में काफी अनियमितता देखने को मिली है।
बेरोजगारों का कहना है कि, तीनो पालियो में करायी गयी इस परीक्षा में कई सही प्रश्न को डिलीट कर दिया गया है। जबकि कई गलत उत्तर को आयोग द्वारा संसोधित उत्तर कुंजी में सही मान लिया गया है, जिससे सैकड़ों मेहनती छात्र चयन से वंचित रह गए हैं।
बेरोजगारों ने आरोप लगाया कि नॉर्मलाएजेशन के नाम पर धांधली की गई है। नॉर्मलाएजेशन के बाद अधिकांश संख्या में चयन केवल दूसरी पाली के अभ्यर्थियो का हुआ है और पहली तथा तीसरी पाली से चयन अभ्यर्थियो की संख्या इनकी तुलना में बहुत कम है। जिससे इस नॉर्मलाएजेशन की पूरी प्रक्रिया में प्रश्न चिन्ह लग गया है।
बेरोजगारों की माने तो लिस्ट में कई नाम ऐसे हैं जो एक ही परिवार के हैं। देवभूमि बेरोजगार मंच के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि, बड़े स्तर पर धांधली की खबर आई है। मुख्यमंत्री तत्काल इस परीक्षा की उच्च स्तरीय जांच कराएं। जांच उत्तराखंड हाईकोर्ट के अधीन हो, जिसमें चयन आयोग का कोई प्रतिनिधि ना हो। राम कंडवाल ने कहा कि, 24 घंटे में अगर मुख्यमंत्री फैसला नहीं लेते हैं तो 13 अप्रैल को हजारों की संख्या में बेरोजगार सचिवालय कूच करने के लिए तैयार है।
बता दें कि, यूकेएसएसएससी ने समूह ग के रिक्त 854 पदों के लिए 04 एवं 05 दिसंबर 2021 को यह परीक्षा कुल तीन पालियों में आयोजित की थी। इन रिक्त पदों के लिए कुल 02 लाख 16 हजार 519 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। जिसमे से 1 लाख 46 हजार 002 अभ्यर्थियों ने यह परीक्षा दी। ज्यादा अभ्यर्थियों के होने के कारण यह परीक्षा तीन पालियों में आयोजित की गई। अभ्यर्थियों की कुल संख्या और परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या दोनों के लिहाज से यह उत्तराखंड की अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा रही। इसी महीने 07 अप्रेल को इस भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया।