चमोली: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में जंगली जानवर लगातार रिहायशी इलाकों तक पहुँच रहे हैं। कई मासूम, महिलाओं और बुजुर्गों को ये अपना निवाला बना रहे हैं। वहीं चमोली जिले के विकासखंड नारायणबगड़ में मासूम बच्चे को निवाला बनाने वाला नरभक्षी गुलदार को गैरबारम गांव में शिकारियों ने मार गिराया। शिकारी लखपत सिंह और उनके पुत्र अजय रावत और जॉय हुकील की संयुक्त टीम ने गुलदार को ढेर किया। इसके बाद ग्रामीणों ने अब जाकर कुछ राहत की सांस ली है।
गौरतलब है कि, आतंक का पर्याय बन चुके इस गुलदार ने बीते 29 जून को गैरबारम गाँव में देवेंद्र सिंह की 12 वर्षीय बेटी दृष्टिका को निवाला बनाया था, जब वह मासूम अपनी मां के साथ खेत में थी, गुलदार ने उस पर अचानक हमला कर दिया जिसके बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इससे पहले भी 29 मई को मलतुरा गाँव के त्यूला नामक तोक में एक 4 वर्षीय बच्ची को अपना निवाला बना चुका था। गुलदार के आतंक को बढ़ते देख क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ था।
बढती घटनाओं को देखते हुए नरभक्षी गुलदार को मारने के लिए लोगों ने वन विभाग से निजात दिलाने की मांग की। इसके बाद वन विभाग को वाइल्ड लाइफ से आदमखोर गुलदार को मारने की अनुमति मिली थी। जिसके बाद वन विभाग एवं शिकारियों द्वारा लगातार क्षेत्र में गश्त की जा रही थी। करीब पिछले 10 दिनों की लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार शिकारी दल आदमखोर गुलदार को मारने में कामयाब हुआ। इससे गुलदार के आतंक के साए में जी रहे थे कुलसारी हरमनी क्षेत्र के ग्रामीणों को राहत मिल गई।
वन क्षेत्राधिकारी किशोर चौहान ने बताया कि, शुक्रवार शाम 7:25 शिकारी दल जब गुलदार के मूवमेंट की रैकी कर रहा था तो अचानक आदमखोर गुलदार आ धमका पहले से ही घात लगाकर बैठे शिकारी दल ने बिना समय गवाएं नरभक्षी गुलदार को निशाने पर लेकर ढेर कर दिया। आदमखोर गुलदार ने 29 जून को गैरबारनम गांव के हरिधोन तोक में जहां 12 वर्षीय बालिका को अपना शिकार बनाया था उससे कुछ ही दूरी पर उसे ढेर कर दिया गया। आदमखोर गुलदार मादा थी और उसकी उम्र करीब 6 से 7 साल थी।