देहरादून: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद हुए बवाल की आग उत्तराखंड तक पहुंच गई है। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत देहरादून एसएसपी कार्यालय धरना देने पहुंचे। इस दौरान हरीश रावत के साथ सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे, लेकिन धरना देने से पहले ही मौके पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को गिरफ्तार कर लिया।
लखीमपुर खीरी में किसानों के ऊपर गाड़ी चलाने को लेकर उत्तराखंड में भी आक्रोश है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा, किसानों के ऊपर जीप चढ़ाकर कुचलने की घटना बेहद दुर्भाग्य पूर्ण है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा, केंद्र की भाजपा सरकार बदले की भावना से कार्य कर रही है। किसानों पर काला कानून थोपने की कोशिश हो रही है, जिसके लिए किसान लंबे समय से आंदोलनरत है । कल लखीमपुर खीरी में हुई घटना शर्मनाक और निंदनीय है। उन्होंने कहा, कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और उनके ऊपर जुर्म नहीं होने देगी। उन्होंने ये कांग्रेस इस तरह की घटना की निंदा करती है और किसानों का दमन नही होने देगी।
जानिए क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी में रविवार को यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के गांव पहुंचने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही बवाल हो गया। हिंसा के दौरान चार किसानों, तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं और एक पत्रकार की मौत हो गई है। इस हिंसा के बाद किसानों का प्रदर्शन जारी है और उन्होंने मारे गए किसानों के शवों को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया।
बताया जा रहा है कि, मृतक के परिवारों को 45-45 लाख रुपए प्रति परिवार आर्थिक सहायता मुआवजे के रूप में दिया जाएगा। इसी तरह घायलों को इलाज और आर्थिक सहायता के रूप में 10 लाख रुपए की मुआवजा राशि दिए जाने का फैसला लिया गया है। सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि 8 दिनों के भीतर दोषियों की गिरफ्तारी की जाएगी। इस पूरी घटना की रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच कराई जाएगी।