Uniform Civil Code : राज्य स्तरीय समान नागरिक संहिता विषेशज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा नागरिकों का पक्ष सुनने के लिए क्षेत्र में भ्रमण का कार्यक्रम निर्धारित किया गया। इसका उद्देश्य राज्य के दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को समान नागरिक संहिता की जानकारी देकर उनके सुझाव प्राप्त करना है। विशेषतौर से महिलाओं व युवाओं को इसके बारे में बताते हुए विवाह, संरक्षण, तलाक, गोद लेना, सम्पत्ति का अधिकार, आदि पर सुझाव प्राप्त कर तैयार की जाने वाली रिपोर्ट में समाहित करना है।
सदस्यों द्वारा भ्रमण का कार्यक्रम राज्य के सीमान्त गॉव, माणा जनपद चमोली से आरम्भ किया गया। 01 अक्टूबर को माणा गांव में सदस्यों द्वारा बैठक आयोजित की गयी। समान नागरिक संहिता के बारे में जानकारी देने के उपरान्त उपस्थित महिलाओं, पुरूषों व युवाओं द्वारा अपने क्षेत्र से सम्बन्धित रीति-रिवाजों के विषय में जानकारी दी गयी। उनके द्वारा विभिन्न मुद्दों पर सुझाव प्रेषित किये गये। इस कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा पारम्परिक वेशभूषा पहन कर प्रतिभाग किया गया।
जोशीमठ के नगर पालिका भवन में दोपहर 02 बजे से विशेषज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा बैठक आयोजित कर उपस्थित जनों के सुझाव मांगे गये। इस बैठक में महाविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, प्रबुद्ध जनों द्वारा उपस्थित हो कर अपने अमूल्य सुझाव प्रेषित किये गये। क्षेत्रीय भ्रमण में सदस्य शत्रुघ्न सिंह, मनु गौड़ और डॉ सुरेखा डंगवाल द्वारा प्रतिभाग किया गया।
सदस्यों द्वारा अवगत कराया गया कि 15 अक्टूबर से कुमाऊॅ मण्डल के जनपदों के लिए भी प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम तैयार किया जा चुका है। उनके द्वारा बताया गया कि राज्य के दूरस्थ क्षेत्र हनोल, पुरोला, उत्तरकाशी आदि में क्षेत्र भ्रमण कर लोगों को अपने सुझाव देने के लिए जागरूक किया जायेगा।
Uniform Civil Code: क्या है समान नागरिक संहिता
यूनिफार्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता में प्रदेश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू होते है, फिर चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, समुदाय से संबंधित हो। समान नागरिक संहिता का मतलब धर्म और वर्ग से ऊपर उठकर पूरे देश में एक समान कानून लागू करने से है। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक, जमीन जायदाद के बंटवारे और उत्तराधिकार-गोद लेने जैसे सामाजिक मुद्दे सभी एक कानून के अंतर्गत आ जाते हैं। इसमें धर्म के आधार पर कोई अलग कोर्ट या अलग व्यवस्था नहीं होती है। जबकि अभी देश में सभी धर्मो के लिए अलग अलग नियम हैं। सम्पति, तलाक़ और विवाह के नियम हिन्दुओं, मुस्लिमो और ईसाइयो के लिए अलग हैं। भारत में गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है जहा सामान नागरिक सहिंता लागू है।