देहरादून: रिपब्लिक भारत चैनल के मुख्य सम्पादक अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इसे अभिव्यक्ति और प्रेस की आजादी पर कुठाराघात बताया है। इस पर उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) ने प्रदेश में पत्रकारों की दमन नीति पर त्रिवेंद्र सरकार को ही आड़े हाथों ले लिया। यहां तक की यूकेडी ने इसको लेकर त्रिवेंद्र सरकार से श्वेत पत्र तक जारी करने की मांग कर डाली।
यूकेडी ने अर्णव की गिरफ्तारी के तरीके पर सवाल उठाए, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उन पर लगे गंभीर आरोपों की निष्पक्ष जांच भी की जानी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अर्णव के समर्थन में केवल क्यों एक विशेष विचारधारा वाली पार्टी ही खड़ी है, क्यों अन्य पार्टियां और पत्रकार उनके समर्थन में सड़कों पर नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को बिहार में हो रहे चुनाव के नजरिये से तो नहीं देखा जा रहा है।
वहीं UKD ने कहा कि, त्रिवेंद्र रावत को महाराष्ट्र के पत्रकारों का दमन तो दिखता है लेकिन उत्तराखंड के पत्रकारों का दमन नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि, पत्रकारों के दमन के मामले में उत्तराखंड देश मे पहले स्थान पर है। उन्होंने कई मामले गिनाते हुए बताया कि कैसे भ्रष्टाचार, अवैध खनन, खबर लिखने पर उल्टा पत्रकारों के खिलाफ ही राजद्रोह, गैंगेस्टर तक के मामले लगा दिए जाते हैं, आधी रात को घर से उठा लिया जाता है और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मुकदमे दर्ज कर दिए जाते हैं।