पौड़ी: देवभूमि उत्तराखंड में ममता और इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। पौड़ी जिले में कोटद्वार भाबर के हल्दूखाता पट्टी के एक वार्ड में नवविवाहिता की ओर से शिशु को जन्म देकर झाड़ी में फेंकने का मामला प्रकाश में आया है। महिला की शादी को अभी महज दो महीने ही हुए थे, जिसके कारण लोकलाज के भय से निर्दयी मां ने नवजात शिशु (बालक) को झाड़ी में फेंक दिया।
पुलिस ने झाड़ी से फेंके गए नवजात शिशु को बरामद कर उसे राजकीय बेस अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने नवविवाहिता के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामले के अनुसार, बुधवार सुबह घर पर महिला की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी, जिस पर उसके ससुर महिला को लेकर कोटद्वार बेस अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टर ने बहु की जांच करने के बाद तबीयत खराब होने का कारण बताया तो परिजनों के होश उड़ गए।
इसके बाद नवविवाहिता से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि, बुधवार सुबह 4 बजे उसने एक बच्चे को जन्म दिया था लेकिन इस बात की जानकारी उसके सास ससुर को न हो सके, इसके लिए महिला ने अपने बच्चे को घर के पीछे झाड़ी में फेंक दिया था। शिशु को जन्म देने के बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई।
पूछताछ में शिशु की जानकारी लगते ही तत्काल एसएसआई प्रदीप नेगी और एसआई भावना भट्ट को परिजनों को साथ लेकर मौके पर भेजा गया। उन्होंने हल्दूखाता वार्ड स्थित उनके घर के पीछे की झाड़ी में नवजात शिशु को पड़ा हुआ देखा। शिशु को उठाकर पुलिस टीम बेस अस्पताल ले आई। जहां डॉक्टरों ने बच्चे की जांच के बाद उसे खतरे से बाहर बताते हुए अस्पताल में भर्ती कर दिया।
महिला ने अपने गर्भवती की बात पूरी तरह छिपाए रखी, जब भी कोई उसके पेट बाहर निकलने की बात पूछता तो वह ज्यादा खाने-पीने की बात कहकर मजाक में टाल देती थी।
नवविवाहिता के ससुर ने बताया कि, उसके बेटे की शादी गत पांच जून को कल्जीखाल ब्लाक के एक गांव की एक युवती से हुई थी। उसके ससुर की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर महिला के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।