देहरादून: कोरोना वायरस महामारी के कारण कई महीनों से बंद स्कूलों को खोलने की कवायद शुरू हो गई है। अनलॉक 5 में केंद्र सरकार ने इसका फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा है। उत्तराखंड में भी स्कूलों को खोले जाने के लिए अभिभावकों की राय भी ली जा रही है। वहीं कल यानी 14 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा। इससे पहले यूपी सरकार के स्कूल खोलने के फैसले से भी उत्तराखंड सरकार को बल मिला है।
उत्तराखंड में पहले चरण में नौवीं से 12वीं तक स्कूल खोलने का फैसला लिया जा सकता है। इसको लेकर 14 अक्तूबर की कैबिनेट बैठक में इस बाबत प्रस्ताव लाया जा रहा है। इससे पहले सरकार ने सभी डीएम से स्कूल खोलने के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी। अभिभावक, स्कूल प्रबंधकों से विचार विमर्श कर सभी जिलों की रिपोर्ट सरकार को भेजने के लिए कहा था। ऐसे में बुधवार को होने वाली इस बैठक पर सबकी नजरें टिकीं हैं। प्रशासन और शिक्षा विभाग की रिपोर्ट 14 की कैबिनेट में लाई जा रही है।
वहीं प्रदेशभर में हो रहे सर्वे में अभिभावक बेसिक एवं जूनियर कक्षाएं अभी शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं।जिला स्तर पर अभिभावक और स्कूलों से की गई रायशुमारी में अभिभावकों की यह राय सामने आई है। 50 से 60 फीसदी अभिभावक 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं को 50 प्रतिशत क्षमता और सुरक्षा के साथ शुरू करने पर सहमत हैं। रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
जाने विभिन्न जिलों के अभिभावकों की रायशुमारी:
- चमोली: 60 फीसदी अभिभावक 50 फीसदी क्षमता के साथ रोटेशन के अनुसार नौवीं से 12वीं की कक्षाएं खोलने पर सहमत हैं।
- पौड़ी: अभिभावक स्कूल खोले जाने पर एक राय नहीं हैं। कुछ अभिभावकों ने ही नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं शुरू करने पर सहमति दी।
- रुद्रप्रयाग: 9 से 12 तक के स्कूल खोलने के लिए 80 फीसदी अभिभावक तैयार हैं।
- अल्मोड़ा: 1100 में से 650 अभिभावकों ने नौवीं से 12वीं तक ही स्कूल खोलने पर सहमति दी और कहा कि, सुरक्षा के इंतजाम हों।
- नैनीताल: अभिभावक और स्कूलों ने नौवीं से 12 वीं तक की कक्षाएं 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने पर सहमति जताई है।
- बागेश्वर: अधिकांश अभिभावकों ने स्कूल खोलने से इनकार किया है। उन्होंने कहा, सुरक्षा की गारंटी पर ही बच्चों को स्कूल भेजेंगे।
- पिथौरागढ़: 50 फीसदी अभिभावक ही 10वीं और 12वीं की कक्षा खोलने के प्रस्ताव के साथ हैं।
- रुद्रपुर: अभिभावकों ने 9 से 12 तक की कक्षाएं 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने और छोटी कक्षाओं को बंद रखने पर जोर दिया है।
- चम्पावत: 60% अभिभावक 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं खोलने पर सहमत हैं।