देहरादून: उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड में लंबे समय से विवादों के चलते आखिरकार बड़ा बदलाव कर दिया गया। बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की बोर्ड से छुट्टी कर दी गई है। साथ ही सचिव पद से मधु नेगी चौहान को भी हटा दिया गया है। इसके साथ ही शासन ने बोर्ड का पुनर्गठन भी कर दिया है। सचिव श्रम हरबंस सिंह चुघ को बोर्ड के अध्यक्ष और पीसीएस डा अभिषेक त्रिपाठी को सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कर्मकार कल्याण बोर्ड को लेकर लंबे समय से श्रम मंत्री हरक सिंह रावत व अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल के बीच तनातनी चल रही थी। विवाद अध्यक्ष व सचिव मधु नेगी चौहान के बीच भी चल रहा था। इस घमासान का असर बोर्ड के कामकाज पर पड़ रहा था। इस विवाद के चलते सरकार की लंबे समय से किरकिरी हो रही थी। वहीं अब बदलाव के साथ ही बोर्ड को लेकर सत्याल और श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत के मध्य छिड़ी रार के अब खत्म होने के आसार हैं।
गौरतलब है कि, कर्मकार कल्याण बोर्ड पिछले साल अक्टूबर 2020 में तब सुर्खियों में आया, जब तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र रावत के समय बोर्ड अध्यक्ष पद से श्रम मंत्री हरक सिंह रावत को हटा दिया गया। उनके स्थान पर शमशेर सिंह सत्याल को अध्यक्ष बनाया गया। बोर्ड सचिव पद से भी दमयंती रावत को हटाते हुए श्रमायुक्त दीप्ति सिंह को तैनात किया गया था। इस बीच बोर्ड को लेकर एक के बाद एक विवाद सामने आते गए।
त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी माने जाने वाले शमशेर सिंह सत्याल की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने पिछले बोर्ड के सभी फैसले पलट दिए थे। साथ ही बोर्ड के तमाम कार्यों में नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए इसका स्पेशल आडिट कराने का निर्णय लिया था। हालांकि, तब इसे टाल दिया गया था।
सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद तीरथ सरकार के कार्यकाल में बोर्ड की सचिव को हटाकर हरिद्वार की उपश्रमायुक्त को यह जिम्मा सौंपा गया। इस पर बोर्ड अध्यक्ष सत्याल ने आपत्ति जताई और तभी से दोनों के मध्य तलवारें खिंची थीं। बोर्ड को लेकर सत्याल और श्रम मंत्री भी एक-दूसरे के खिलाफ मुखर थे।
हाईकोर्ट में भी बोर्ड के कामकाज को लेकर कई पीआईएल दायर हुईं। हाल ही में एक पीआईएल में अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल ने खुद को भी पक्षकार बनाने की अपील की थी। लगातार विवाद के कारण सरकार की भी किरकिरी हो रही थी। आखिरकार, धामी सरकार ने बोर्ड से सत्याल को हटाने का निर्णय लिया।