देहरादून: उत्तराखंड में लंबे समय से अपनी मांगों पर अड़े ऊर्जा कर्मियों ने आखिरकार हड़ताल टाल दी है। बिजली कर्मियों को आखिरकार मुख्यमंत्री ने मना लिया। कार्मिकों की विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता सफल रही। इस दौरान ज्यादातर बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद शासन से लिखित आश्वासन मिलने पर कार्मिकों ने देर रात हड़ताल स्थगित करने का एलान किया। बैठक में कर्मचारियों की एसीपी यानी पदोन्नति की मांग को शासन ने मान लिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में उत्तराखण्ड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने भेंट के दौरान अपनी समस्याओं से सम्बन्धित विषयों से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया।
इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने उनकी मांगों के सम्बन्ध में सकारात्मक निर्णय लिये जाने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान हड़ताल से नहीं बल्कि वार्ता से ही सम्भव है। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद मोर्चा के पदाधिकारियों ने अपना आन्दोलन समाप्त करने की घोषणा की है।
पुरानी एसीपी व्यवस्था, पुरानी पेंशन बहाली, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण समेत 14 मांगों को लेकर आंदोलनरत बिजली कर्मियों की मंगलवार को देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत और मुख्य सचिव एसएस संधु के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने सभी 14 बिंदु रखे, जिनमें से अधिकतर पर मुख्यमंत्री ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया और शासन को अपने स्तर पर मांगों के निस्तारण के निर्देश दिए।
14 सूत्रीय मांगों को लेकर बिजली कार्मिकों की बुधवार सुबह 8 बजे से प्रदेशव्यापी हड़ताल प्रस्तावित थी। मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि कार्मिकों ने मौखिक आश्वासन के बजाय लिखित कार्रवाई की मांग की। जिस पर उन्हें देर रात तक शासन की ओर से बैठक का कार्यवृत्त सौंप दिया गया। कार्यवृत्त में कार्मिकों की मांगों पर शासनादेश को लेकर सहमति जताए जाने पर प्रस्तावित हड़ताल स्थगित कर दी गई है।