मसूरी: अन्य जगहों की तरह ही मसूरी में भी प्रवासी मजदूरों को अपने घर जाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां नेपाल और छत्तीसगढ़ जाने वाले मजदूरों की सुनने वाला कोई नही है। मजदूरों ने रोते हुए अपनी परेशानी व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि, पुलिस ने उन्हें सुबह 6 बजे गांधी चौक पर बुलाया, लेकिन 10 घंटे बीत जाने के बाद भी उनके वापस जाने की कोई व्यवस्था नहीं की। वह पूरे दिन भूखे प्यासे यहां पर बस का इंतजार करते रहे। उन्होंने पुलिस पर भी मारपीट करने का आरोप लगाया है।
वहीं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह विष्ट ने कहा कि, लॉकडाउन के बाद मजदूर वर्ग सड़कों पर हैं। कोई भी उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।
इधर एसडीएम ने कहा कि, बॉर्डर पर बड़ी संख्या मे मज़दूरों का जमावड़ा हो जाने से दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। जैसे ही छत्तीसगढ़ से हरी झंडी मिलेगी सभी को वापस जाने की इजाजत दे दी जायेगी।