देहरादून: उत्तराखंड में एनआइओएस (NIOS) से डीएलएड (D.El.Ed) प्रशिक्षुओं ने अपनी मांगों को लेकर देहरादून में गांधी पार्क से सीएम आवास कूच किया। इस दौरान हाथीबड़कला स्थित बैरिकेडिंग पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। जिससे गुस्साए डीएलएड प्रशिक्षक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाकर जमकर नारेबाजी की। बाद में सिटी मजिस्ट्रेट के. चौहान के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
एनआइओएस (NIOS) से डीएलएड (D.El.Ed) प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष कपिल देव ने कहा कि, सरकार की वजह से प्रदेश का प्रशिक्षित बेरोजगार अपने घरों में त्योहार मनाने के बजाय धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि नियमावली में संशोधन करने की आवश्यकता नहीं है। उसमें स्पष्ट उल्लेख है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रारंभिक शिक्षा में दो वर्षीय डीएलएड होना चाहिए, जो भी अहर्ताएं प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए होनी चाहिए, वह सभी हमारे पास हैं। हम पूर्ण अहर्ता रखते हैं तो राज्य सरकार एनआइओएस डीएलएड प्रशिक्षकों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 में सम्मिलित क्यों नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि, सरकार एनसीटीई (NCET) के नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकती। यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। यह एक असंवैधानिक कार्य है। यह 37 हजार अभ्यर्थियों के भविष्य का सवाल है। प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के साथ संयुक्त वार्ता की भी बात रखी।
इस दौरान अध्यक्ष कपिल देव, महासचिव पवन कुमार, अध्यक्ष महिला मोर्चा स्वाति त्यागी, मीडिया प्रभारी रेखा बाराकोटी, कोषाध्यक्ष सतीश कुमार, सोनू रावत, भावना थापा, पूनम, अभिषेक, वीरेंद्र सिंह, पूनम मेहता, नीरज सिंह, रमेश वर्मा, बीना, अंजली राणा, ठाकुरी,आरती, दीप्ति, पूजा, अम्बिका प्रसाद, सुमित, नवीन रावत, कुलदीप सिंह, सच्चिदानंद पंत, उमेश आर्या आदि मौजूद रहे।
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