देहरादून: अक्सर चर्चाओं में रहने वाले उत्तराखंड के विधायक ने अपने नाम में बदलाव किया है। झबरेड़ा से भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल (Deshraj Karnwal) ने अपने नाम के साथ “चमार साहेब” (Chamar Saheb) शब्द को जोड़ा है। उन्होंने कहा कि, अब उन्हें देशराज कर्णवाल चमार साहेब नाम से जाने जाए। विधायक देशराज ने चमार साहेब का पूरा मतलब बताते हुए कहा कि, च से चमड़ी, मा से मास, र से रक्त होता है।
उन्होंने कहा कि, लोकतंत्र के मंदिर में जहाँ रानी और नौकरानी के बेटे की राजनितिक हैसियत एक सामान होती हैं, मैंने भी समानता के आधार पर अपनी सामाजिक हैसियत जो जातिय आधार पर आधारित हैं। मैंने विधान सभा अध्यक्ष से निवेदन किया कि जिस प्रकार अन्य विधायक अपने उपनाम ठाकुर, शर्मा, अग्रवाल, रावत, नेगी आदि को अपने नाम के साथ लगाते हैं, ठीक उसी प्रकार मेरे नाम के साथ भी मेरी जाति उपनाम लगाने की इजाजत दें। देशराज कर्णवाल चमार साहब जिस पहचान से मेरे क्षेत्र की जनता मुझे पहचानती हैं, अन्यथा सभी विधायकों के उपनाम को हटाया जाये। यह संकल्प मेरे द्वारा विधानसभा में लाया गया जिस पर चर्चा जारी हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश न्याय विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय का हवाला देते हुए मेरी मांग को अस्वीकार कर दिया, न्याय विभाग के निर्णय राय से में हैरान तो है लेकिन हतास नहीं। हैरान था तो सिर्फ इस बात से कि आजादी के सत्तर वर्षों बाद भी लोकतंत्र के मंदिर में समरसता और समानता की पैरोकारी की अनदेखी हो रही हैं। लेकिन मेरा सामाजिक समरसता और समानता को स्थापित करने का हौसला कम नहीं प्रयासों से एक दिन में अपने मकसद में सफल हुआ।
उन्होंने कहा कि, पहले मेरा नाम संवैधानिक संस्थाओं में देशराज कर्णवाल था, आज से मेरा संशोधित नाम भारत के राजपत्र के अनुसार विधानसभा उत्तराखंड के द्वारा देशराज कर्णवाल “चमार साहब’’ हो गया है। यह सामाजिक समरसता एवं समानता का मेरा प्रयास एक न एक दिन जरूर रंग लाएगा। एक दिन जरूर जाति आधारित सामाजिक, समानता, सामाजिक समरसता में तब्दील हो जाएगी। ऐसा मुझे पूर्णविश्वास हैं। जहाँ हम सभी देशवाशी जाति, धर्म एवं नस्ल से ऊपर उठ अपनी पहचान को भारतीय होने पर ज्यादा गर्व करेंगे और देश में आपसी भाईचारे को स्थापित करने में सफल हो पायेंगें।