देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों भर्तियों में गड़बड़ी को लेकर हंगामा मचा हुआ है। वहीं विधानसभा में बैकडोर भर्तियों (backdoor recruitments) को लेकर कई नेताओं के संबंधियों और रिश्तेदारों की सूची भी जमकर वायरल हो रही है। इसमें एक के बाद एक सभी पार्टियों के नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। वहीं इस बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (Premchand Agarwal) ने मामले में खुद को हाईकमान द्वारा दिल्ली तलब किए जाने की खबरों का खण्डन किया है।
भर्ती घोटाले से मेरा कोई लेना देना नहीं, मैं बैठक में जा रहा हूं दिल्ली: प्रेमचंद अग्रवाल
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि, भर्ती घोटाले में उनका कुछ लेना देना नहीं है और उनके कार्यकाल में जो भी भर्तियां (Uttarakhand Vidhan Sabha Recruitment) हुई हैं, वह नियमानुसार की गई हैं। उनको दिल्ली तलब करने की खबरें बेबुनियाद हैं। उनको 2 सितंबर को दिल्ली में होने वाली भारतीय जनता पार्टी के शासित राज्यों के मुख्यमंत्री की बैठक के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नामित किया है। जिसको लेकर वह 2 सितंबर को दिल्ली जायेंगे।
मेरे खिलाफ कुछ लोग रच रहे हैं षडयंत्र: प्रेमचंद अग्रवाल
मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि, उनके खिलाफ कुछ लोग षडयंत्र रच कर उन पर बेबुनियाद आरोप लगाने का काम कर रहे हैं, लेकिन उन आरोपों का कोई आधार ही नहीं है। प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि, उनके कार्यकाल में पहली बार विधानसभा में सीधी भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए। जिसमे 8 हजार अभ्यर्थियों ने विधानसभा में विभिन्न पदों की नियुक्ति के लिए आवेदन किया गया था, जिसमें 32 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था लेकिन उसमें एक अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले जाने के कारण नियुक्ति पर रोक लग गई थी।
नियमानुसार हुई हैं सारी नियुक्तियां: अग्रवाल
उन्होंने कहा कि, उनके पुत्र की नियुक्ति नियमानुसार हुई है और पुत्र की नियुक्ति से उनका कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि, गोविंद सिंह कुंजवाल ने क्या किया वह कुंजवाल जी को मालूम है, उसमें उनको कोई टीका टिप्पणी नहीं करनी है। हरीश रावत क्या कह रहे है उसमे भी उनका कुछ नहीं कहना है।
प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि, प्रदेश में वर्तमान में 75 हजार करोड़ का कर्जा है और इससे निपटने के लिए सरकार केन्द्र सरकार के सहयोग सेे लगातार काम कर रही हैं। इसी के लिए वह लगातार विभिन्न विभागों से बैठक का प्रदेश में राजस्व बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री द्वारा नए जिले बनाए जाने की बात की जा रही है और यह तय है कि, जो मुख्यमंत्री कहते हैं उस कार्य को वह करते भी हैं।
बैठक के बाद केंद्रीय नेताओं को वस्तुस्थिति से अवगत करा सकते हैं मंत्री
बताया जा रहा है कि, चौथी विधानसभा के कार्यकाल में विधानसभा में हुई भर्तियों में गड़बड़ी के प्रकरण का भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी संज्ञान लिया है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम के अनुसार इस बारे में पूरी जानकारी ली जा रही है। माना जा रहा है कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल 02 सितंबर को दिल्ली में होने वाली मुख्यमंत्री परिषद की बैठक के बाद पार्टी के केंद्रीय नेताओं को वस्तुस्थिति से अवगत करा सकते हैं।
सीएम धामी ने विधानसभा अध्यक्ष से जांच कराए जाने का अनुरोध करने की कही बात
बता दें कि, इस मामले के तूल पकड़ने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में हुई नियुक्तियों के प्रकरण की जांच कराने के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध करने की बात कही है। साथ ही कहा कि विधानसभा को इसके लिए सरकार से जिस प्रकार के सहयोग की आवश्यकता होगी, वह उन्हें दिया जाएगा।