देहरादून: उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि वह वर्ष 2022 में होने वाला अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह राजनीति से संन्यास नहीं ले रहे हैं। इसकी जानकारी उन्होंने भाजपा प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार समेत वरिष्ठ नेताओं को दे दी है।
दरअसल सरकार ने हाल ही में भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से उन्हें हटाया था और उनके करीबियों को भी बोर्ड भंग होने के कारण हटाया गया। ऐसे में अब हरक सिंह रावत ने नया दांव खेलते हुए विधानसभा चुनाव ना लड़ने की घोषणा कर दी है। हरक सिंह रावत ने अपने इस बयान के साथ यह भी साफ कर दिया कि वह सरकार के अध्यक्ष पद से उन्हें हटाए जाने को लेकर नाराज है। हालांकि उन्होंने यह बात खुलकर नहीं कहीं। लेकिन आंखों में आंसू के साथ हरक सिंह ने कहा कि वह अस्वस्थ थे इसलिए इन दिनों उन्हें सरकार के निर्णयों का पता नहीं चल पाया वह फिलहाल मुख्यमंत्री से बात कर आगे फैसला लेंगे।
गौरतलब है कि, वर्ष 2016 में कांग्रेस की तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत कर नौ अन्य विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होकर हरक सिंह रावत ने कांग्रेस की हरीश सरकार पर संकट ला दिया था। इसके बाद वह वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पौडी गढवाल जिले की कोटद्वार विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे और जीत हासिल की। हरक की छवि तेजतर्रार मंत्री के रूप में रही है।