-कुलदीप
रुद्रप्रयाग: केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गयी है। लगातार मंदिर समिति द्वारा लापरवाही देखी जा रही है। जहां पहले डेड दर्जन ताम्रपत्र का मामला ओम्कारेश्वर मंदिर में दिखा था, जिसका आजतक मंदिर समिति द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। वहीं अब बाबा केदार के धाम केदारनाथ में गर्भगृह में पूजा-अर्चना की वीडियो ने तेज़ी पकड़ ली है।
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बता दें कि, केदारनाथ धाम के गर्भगृह में कैमरा ले जाना वर्जित है, लेकिन इसके बावजूद भी कई दिनों से गर्भगृह की एक के बाद एक कई वीडियो सामने आ रही हैं। इन वीडियो में रावल महाराज के साथ-साथ मुख्य पुजारी भी दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि, जब गर्भगृह में कैमरा लेजाना मना है तो रावल जी महाराज और गर्भगृह की ये वीडियो कैसे वायरल हो रही है।
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रावल महाराज और मुख्य पुजारी के होते हुए कैसे कोई मोबाइल से वीडियो बना सकता है। इससे ये भी पता चलता है कि, न केवल पुजारी ही बल्कि रावल महाराज भी बाबा केदार के धाम को आस्था से नही जोड़ पा रहे हैं। साथ ही इससे साफ देखा जा सकता है कि मंदिर समिति द्वारा मुस्तेदी से काम नही किया जा रहा है।
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वहीं अभी तक मंदिर समिति द्वारा भी इस मामले पर कोई बयान जारी नही हुआ है, लेकिन मंदिर समिति का कहना है कि, जल्द-से-जल्द इस मामले में कार्यवाही की जाएगी। साथ ही जिन अज्ञात लोगों ने वीडियो वायरल किया है, उन पर सख्ती के साथ कार्यवाही की जाएगी।
बात दें कि, इससे पहले भी जब ओम्कारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ताम्रपत्र का मामला सामने आया था, तो तब भी मंदिर समिति केवल अपने कागजी कार्यवाही पर लगा हुआ था। वहीं मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारा भी डेढ़ महीने बाद ओम्कारेश्वर मंदिर का भ्रमण किया गया था, जिससे साफ पता चलता है की, बद्री-केदार मंदिर समिति किस प्रकार किसी भी मामले को दबा देती है! इसके पीछे किसी उच्च पदाधिकारी का हाथ होता है या मंदिर समिति मामले को दबा देती है ये अपने आप मे एक बड़ा सवाल है।
वहीं समिति के कर्मचारियों द्वारा भी मंदिर समिति पर सवाल उठाया गया है। उनका कहना है कि ये कार्य उच्च पदाधिकारियों द्वारा किया गया है, जिस कारण कोई एक्शन नही लिया जा रहा है। अगर मंदिर समिति का कर्मचारी इस मामले में सम्मिलित होता तो कड़ी कार्यवाही की जाती। साथ ही कर्मचारी वर्ग बताता है कि, इससे पहले भी कई ऐसे कार्य मंदिर समिति में हुए हैं जिसे मंदिर समिति द्वारा दबाया गया है या मामलों पर केवल फाइलें पास हुई हैं लेकिन कभी कोई कार्यवाही नही हुई है।
नोट: धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए यहां वायरल वीडियो नहीं दिखाए गए हैं।