देहरादून: उत्तराखंड में 620 सरकारी पद खत्म होने जा रहे हैं। इससे सरकार को करीब 20 करोड़ की सालाना बचत होगी। वहीं कई पदों पर केवल आउट सोर्स के माध्यम से रखा जाएगा। इसको लेकर आगामी 10 दिसंबर को शासन और विभागों के कार्मिकों की संयुक्त बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
दरअसल, सरकार ने कृषि और उद्यान विभाग के एकीकरण की योजना बनाई है। इस विलय से 10 फ़ीसदी से ज्यादा पद समाप्त हो जाएंगे। हर जिले में दोनों विभागों के दफ्तरों का विलय कर दिया जाएगा। इससे वेतन भत्ते और दफ्तरों के संचालन में होने वाले सालाना 20 करोड़ रुपये के खर्च की बचत होगी। दोनों विभागों का संयुक्त ढांचा एक महानिदेशक के अधीन होगा। गढ़वाल और कुमाऊं में एक-एक निदेशक नियुक्त किए जाएंगे।
कृषि उद्यान एकीकरण समिति ने प्रस्तावित एकीकरण ड्राफ्ट को सरकार के बाद अब दोनों विभागों के कार्मिकों के लिए भी सार्वजनिक कर दिया है। कार्मिकों से एकीकरण पर राय मांगी जाएगी। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने आगामी 10 दिसंबर को शासन और दोनों विभागों के कार्मिकों की संयुक्त बैठक बुलाई है। इस बैठक में ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
वहीं एकीकरण के बाद दोनों विभाग एक डीजी के अधीन होंगे। डीजी का मुख्यालय नंदा की चौकी स्थित कृषि निदेशालय में होगा। महानिदेशक का चयन कृषि और उद्यान विभाग के निदेशकों में वरिष्ठता और श्रेष्ठता के आधार पर किया जाएगा। डीजी मुख्यालय में एक निदेशक नियुक्त होगा। बाकी दो निदेशकों में निदेशक कुमाऊँ मंडल का दफ्तर हल्द्वानी और निदेशक गढ़वाल का दफ्तर पौड़ी में बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि, वर्तमान में कृषि विभाग में 2,489 पद स्वीकृत है। जबकि उद्यान विभाग के लिए 3,550 पद मंजूर है। नए ढांचे में 620 पदों को खत्म करने की सिफारिश की गई है। हालांकि फिलहाल किसी भी कर्मचारी को नहीं हटाया जाएगा। वाहन चालक, चतुर्थ श्रेणी, माली, उद्यान सहायक को आउट सोर्स के माध्यम से रखा जाएगा।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि, कृषि और उद्यान विभाग का एकीकरण राज्य हित में भी है और कर्मचारी हित में भी है। सरकार एकीकरण का निर्णय ले चुकी है, लेकिन अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी की सहमति ली जाएगी। ड्राफ्ट पर सर्वपक्षीय बैठक बुलाई गई है।
दोनों विभाग के एकीकरण से 620 पद कम होने से हर साल वेतन भत्तों के रूप में खर्च होने वाले 15 करोड़ 22 लाख ₹44 हजार की बचत होगी। वहीं कृषि उद्यान के दफ्तरों का विलय होने से सालाना 4.68 करोड रुपए की बचत होगी।