देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन कटौती का फैलसा वापस ले लिया है। साथ ही अब तक काटे वेतन को भी सरकार वापस करेगी। बता दें कि, कोरोना वायरस के चलते सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का फरवरी 2021 तक हर माह एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी किया था। फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज कहा कि, पर्यावरण मित्रों और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन में कटौती का निर्णय वापस लिया जाता है, और जो वेतन कटा है उसे सरकार वापस करेगी। साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों और आशा कार्यकत्रियों को सरकार 1000-1000 रुपये की सम्मान निधि जारी करेगी, करीब 50,000 से ज्यादा की संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों साथ आशा कार्यकत्रियो है,जिनको समान निधि का लाभ मिलेगा।
गौरतलब है कि, कोरोना वायरस के चलते को सरकार ने फैसला लिया था कि, राज्य के विभागों, सरकारी, शासकीय सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों, प्राविधिक शिक्षण संस्थानों, निगम, निकायों, सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों का हर माह एक दिन का वेतन काटा जाएगा।
मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि वेतन कर्मचारी की निजी संपत्ति है। सरकार को फरवरी 2021 तक हर माह एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि किस अधिकार के तहत यह आदेश पारित किया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 26 जून की तिथि नियत करते हुए सरकार को स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।