देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले को लेकर इन दिनों प्रदेश में घमासान मचा है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने मामले में दो बड़े फैसले लिए हैं।
विशेषज्ञ समिति करेगी भर्तियों में हुई गड़बड़ियों की जांच
आज शनिवार को पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि, भर्ती मामले में जांच कमेटी गठित कर दी गई है। यह कमेटी विधानसभा भर्तियों में हुई गड़बड़ियों की जांच करेगी। तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति में पूर्व आइएएस डीके कोटिया अध्यक्ष और सुरेंद्र सिंह रावत व अवनींद्र नयाल सदस्य होंगे। कमेटी एक माह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट स्पीकर के समक्ष पेश करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
लंबी छुट्टी पर भेजे गए विधानसभा सचिव, कक्ष कर दिया सील
वहीं विस अध्यक्ष ने बड़ा निर्णय लेते हुए वर्तमान विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को जांच तक लंबी छुट्टी पर भेजा गया है, लेकिन उन्हें जांच समिति को सहयोग करने के लिए वह उपस्थित रहेंगे। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने सचिव विधानसभा का कक्ष सील कर दिया। ताकि, कार्यालय में रखे तमाम कागजात से कोई छेड़छाड़ ना किया जा सके और जांच में कोई व्यवधान उत्पन्न ना हो।
समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही तय होंगे आगे भर्ती के नियम
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि, वर्ष 2012 से 2022 तक की नियुक्तियों की समिति जांच करेगी। इसके अलावा 2000 से 2011 तक उत्तर प्रदेश की नियामवली थी। इसे भी जांच के दायरे में लाया जाएगा। आगामी भर्तियों के लिए इस समिति की रिपोर्ट जरूरी है, इसी आधार पर आगे के नियम तय होंगे।
विधानसभा की गरिमा को पहुंची आहत, ‘न खाऊंगी और न खाने दूंगी’
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि, भर्तियों के विवाद से विधानसभा की गरिमा को आहत पहुंची है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि, जितने भी बदलाव करने पड़े करुंगी। कहा कि, न खाऊंगी और न खाने दूंगी।
नेताओं और आरएसएस के सगे संबंधियों को बिना परीक्षा मिली नियुक्तियां!
बता दें कि, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के समय विधानसभा में हुई नियुक्तियों पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर इन नियुक्तियों की लिस्ट वायरल हो रही है। जिसमें तमाम नेताओं और आरएसएस के बड़े पदाधिकारियों के रिश्तेदार और परिजनों के साथ ही कई मंत्रियों के पीआरओ के नाम शामिल बताए जा रहे हैं।
इनमे बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर विधानसभा में अपर निजी सचिव, समीक्षा अधिकारी लेखा सहायक, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला पदों कर नौकरी दे दी गई।
वहीं विधानसभा में हुई नियुक्तियों को लेकर अंगुली उठने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर भर्ती प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने और अनियमितताएं पाए जाने पर ऐसी सभी नियुक्तियां निरस्त करने का आग्रह किया था।