देहरादून: डीजीपी अशोक कुमार के चार्ज संभालते ही बदमाशों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन शुरू हो गये हैं। ऊधमसिंहनगर के कुख्यात कुलदीप सिंह उर्फ केडी के साथ एसटीएफ की बिजनौर के चांदपुर में मुठभेड़ हुई, जिसमें कुलदीप सिंह को गोली लगी है। हालाँकि अंधेरे का फायदा उठाते हुए केडी और उसके साथी वहां पर गन्ने के खेतों में जा छिपे। मौके पर एसटीएफ के साथ बिजनौर पुलिस के अधिकारी भी पहुंचे, देर रात तक पुलिस की कांबिंग जारी थी।
जानकारी के मुताबिक, कुलदीप सिंह उर्फ केडी ऊधमसिंहनगर के बाजपुर का रहने वाला है। उसके खिलाफ ट्रिपल मर्डर, किडनैपिंग, फिरौती आदि के 12 से अधिक मुकदमे हैं। वर्तमान में उस पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित है। शनिवार को उसके बिजनौर जनपद के चांदपुर में होने की सूचना मिली थी। इस पर एसटीएफ उत्तराखंड की एक टीम उसे गिरफ्तार करने पहुंची है।
भगाने की फ़िराक में जब कुलदीप की कार के आगे एसटीएफ ने अपनी गाड़ी लगाई, तो उसने गोली चला दी। इस पर एसटीएफ की टीम ने भी जवाबी कार्रवाई की। इस कार्रवाई में एक गोली कुलदीप सिंह को भी लग गई, लेकिन उसके साथी कार को वहां से निकालने में कामयाब हो गए। एसटीएफ ने कार का पीछा किया तो वे अंधेरे का फायदा उठाकर गन्ने के खेतों में भाग गए। फिलहाल वहां पर अभी कांबिंग जारी है।
गौरतलब है कि, केडी ऊधमसिंहनगर का बड़ा बदमाश माना जाता है। कुलदीप सिंह पहले पांच हजार रुपये का इनामी था। जिला पंचायत सदस्य की हत्या की साजिश में नाम आने के बाद उस पर इनाम की राशि बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दिया गया। प्रदेश में इस वक्त कुल 13 बदमाशों पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित है।
उत्तराखंड पुलिस की कमान डीजीपी अशोक कुमार के हाथ में आते ही उन्होंने इनामी बदमाशों को पकड़ने के लिए दो माह का अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। बीते दिनों एसटीएफ को 50 बदमाश प्रति वर्ष पकड़ने का लक्ष्य मिला था। अभी तक यह औसत केवल 10 से 12 के आसपास ही रहता था। इसी के चलते एसटीएफ का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है।
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