मसूरी: रंवाई, जौनपुर, जौनसार बावर, यमुना घाटी के जनप्रतिनिधियों ने प्रदेश व केंद्र सरकार से मांग की है कि, यमुनाघाटी को चारधाम राजमार्ग विकास परियोजना और चार धाम रेलमार्ग योजना से जोड़ा जाय। ताकि इस क्षेत्र के विकास के साथ ही क्षेत्र के लोगों को रोजगार, तीर्थाटन से लाभ मिल सके।
मसूरी के एक होटल सभागार में पत्रकार वार्ता में सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप कवि (बिटटू) ने कहा कि चारधाम राजमार्ग परियोजना एवं रेल परियोजना का लाभ यमुना घाटी के लोगों को भी मिलना चाहिए। क्योंकि वर्तमान में जो सर्वे हुआ है, उसमें इस क्षेत्र को वंचित रखा गया है। जबकि चारधाम का सबसे पहला धाम इसी मार्ग से होकर जाना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि, प्रदेश सरकार इस योजना का लाभ यमुनाघाटी के तीन जिले देहरादून, उत्तरकाशी और टिहरी के आठ विकासखंड की करीब 12 लाख की जनसंख्या को भी दे। इस योजना का लाभ छह विधानसभा सहसपुर, विकासनगर, चकराता, धनोल्टी, यमुनोत्री और पुरोला सहित आठ विकासखंड सहसपुर, विकासनगर, कालसी, चकराता, जौनपुर, नौगांव, पुरोला और मोरी है।
साथ ही उन्होने चेतावनी देते हुए कहा, कि यदि सरकार ने क्षेत्र के विकास के लिए इन योजनाओं में यमुना घाटी को नहीं जोड़ा, तो हम बड़ा आन्दोलन करने को वाद्य होंगे।
उन्होंने कहा कि, सामरिक दृष्टि से भी यमुनाघाटी का क्षेत्र महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा जिस तरह से चीन ने भारतीय सेना से क्रूरता की और घुसपैठ चाइना कर रहा है, वह निंदनीय है। साथ ही कहा कि, अगर हमारी कनेक्टिविटी बनी रहेगी तो इसका हमें भविष्य में भी लाभ मिलेगा।