देहरादून: उत्तराखंड में सहायक लेखाकार भर्ती परीक्षा रद्द किए जाने की मांग को लेकर बेरोजगारों ने सीएम आवास कूच किया। इस दौरान पुलिस ने न्यू कैंट रोड स्थित हाथीबड़कला में प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इससे प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और सहायक लेखाकार परीक्षा रद्द किए जाने की मांग पर अड़ गए। अपनी मांगों को लेकर बेरोजगारों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने 12 से 14 सितंबर तक ऑनलाइन सीबीटी परीक्षा आयोजित की थी। काफी विरोध के बाद भी परीक्षा ऑफलाइन नहीं की गई। प्रश्न पत्रों में कई खामियां थीं। प्रश्नपत्र के अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद में कई गलतियां (जैसे अंग्रेजी के कैपिटल का अर्थ पूंजी था, लिख दिया राजधानी; ड्रॉ का अर्थ आहरण था, लिख दिया चित्र), 30 से 40 आंकिक प्रश्न होने से दो घंटे के तय समय में हल करना संभव नहीं। सहायक लेखाकार की परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से 6 शिफ्टों में संपन्न कराई गई थी। जिसमें काफी विसंगतियां देखने को मिली।
बेरोजगारों का कहना है कि, काफी विसंगतियां होने के कारण सामान्य वाणिज्य में कई अभ्यर्थी न्यूनतम अंक प्राप्त नहीं कर पाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि, इस परीक्षा को छात्रों के हित में निर्णय लेते हुए रद्द किया जाए। इसके साथ ही परीक्षा को ऑफलाइन माध्यम से 3 माह के भीतर और एक शिफ्ट में पुनः आयोजित कराई जाए।
वहीं बीते माह अक्टूबर में 6 तारीख को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने सहायक लेखाकार परीक्षा में की जा रही आपत्तियों को लेकर संवाद जारी किया। आयोग की ओर से सचिव संतोष बडोनी ने जारी संवाद में बताया कि, प्रदेश में 22 सितंबर से 14 सितंबर के बीच आयोजित की गई सहायक लेखाकार परीक्षा के संबंध में अलग-अलग तरह की शिकायतें आयोग को मिली है। साथ ही इस परीक्षा को निरस्त कराने के लिए प्रदर्शन आदि भी किए जा रहे हैं।
जारी किए गए संवाद में बताया गया कि, एक समूह का कहना है कि प्रश्न पत्रों में हिंदी अनुवाद में काफी गलतियां हुई है। साथ ही प्रश्न पत्र की कठिनता का स्तर अधिक था, ऐसे में परीक्षा को निरस्त किया जाए।
वहीं दूसरे समूह ने अनुरोध किया है कि परीक्षा और प्रश्न पत्र में इतनी दिक्कत नहीं थी कि उन्हें निरस्त किया जाए। प्रदेश सरकार की सेवा में चयन के अनुरूप प्रश्न पत्र का स्तर सही था, ऐसे में परीक्षा निरस्त न की जाए।
ऐसे में आयोग ने बताया कि, परीक्षा निरस्त करने का विषय एक गंभीर विषय है और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न मामलों में यह सिद्धांत दिया गया है कि, गड़बड़ी का स्तर अत्यंत व्यापक होने और गड़बड़ियों के संबंध में सुस्पष्ट जांच के बिना ऐसे निर्णय न लिए जाएं। इस मामले में आपत्तियों का परीक्षण विशेषज्ञों की टीम द्वारा कराया जा रहा है और विशेषज्ञों की आख्या के बाद ही इस संबंध में स्थिति स्पष्ट होगी।
गौरतलब है कि, सहायक लेखाकार के 594 पदों के लिए प्रदेश में 9400 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन केंद्रों से परीक्षा दी।