देहरादून: चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने एसओपी जारी कर दी है। इसके अनुसार अब उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर बाहरी राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए अब कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी नहीं है। लेकिन यात्रा के लिए तीर्थ यात्रियों को देवस्थान बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण और ई-पास व्यवस्था में कोई छूट नहीं दी गई है।
चारधाम यात्रा के लिए शर्तें-
1. समस्त आगन्तुकों को उत्तराखण्ड में स्थित चारों धामों की यात्रा हेतु कोविड-19 (RT-PCR) निगेटिव रिपोर्ट या अन्य कोविड-19 परीक्षण रिपोर्ट की अनिवार्यता को समाप्त किया जाता है। धामों में पधारने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या (हैली सेवा को छोड़कर) और दर्शन व्यवस्था पूर्व में इस कार्यालय द्वारा निर्गत आदेश यथावत् रहेगी। (चारधाम में प्रतिदिन दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या बदरीनाथ में 1200, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 450 निर्धारित है।)
- तीर्थ यात्रियों को देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाईट www.badrinath-kedarnath.gov.in पर यात्रा पंजिकरण कर ई-पास प्राप्त कर और अपलोड किये गये फोटो आई0डी0 एवं पते का प्रमाण यात्रा के दौरान साथ रखना अनिवार्य होगा।
- समस्त ऐसे आगन्तुकों को, यात्रा के दौरान, चारों धाम में निर्धारित स्थान पर थर्मल स्कैनिंग के दौरान कोविड-19 लक्षण पाये जाने की दशा में यात्रा की अनुमति नहीं होगी। ऐसी स्थिति में कोविड-19 टेस्ट निगेटिव आने के उपरान्त ही यात्रा की अनुमति होगी।
- सम्बन्धित जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगें कि चारों धामों में यदि किसी यात्री में लक्षण पाया जाता है, तो उसके थर्मल स्कैनिंग के पश्चात RT-PCR/RAPID ANTIGEN/TRUENAT/CBNAAT परीक्षण के लिए आवश्यक व्यवस्था उपलबध हो और ऐसे यात्री के साथ यात्रा करने वाले अन्य यात्रियों को भी आवश्यकतानुसार जांच (SCREENING) करने के लिए निर्णय स्थानीय स्तर पर ही सुनिश्चित करेंगे।
4. हवाई सेवा से चार धाम यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या, उनके स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था, आदि, हवाई पट्टी पर हैली कम्पनियों द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा और इसके लिए नागरिक उड्डयन विभाग आवश्यक दिशा निर्देश जारी करेंगें।