देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच अब कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में भी रहने की सुबिधा मिल गई है। यानि अब कोरोना संक्रमित मरीजों को घर पर भी इलाज करने की सुविधा मिल गई है। सरकार के इस फैसले के बाद आज सोमवार को एसओपी भी जारी कर दी गई है।
होम आइसोलेशन का विकल्प केवल एसिंप्टोमेटिक मरीजों को मिलेगा। एसिंप्टोमेटिक यानि जो मरीज लक्षण रहित हैं। इसके लिए मरीज के घर में कुछ सुविधायें होनी आवश्यक हैं।
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- होम आइसोलेशन के लिए उसी संक्रमित मरीज को अनुमति दी जाएगी। जिसे इलाज करने वाले डॉक्टर ने एसिंप्टोमेटिक (लक्षण रहित) मरीज के रूप में चिन्हित किया हो।
- होम आइसोलेशन में संक्रमित मरीज की 24 घंटे देखभाल के लिए घर में एक व्यक्ति उपलब्ध होना चाहिए।
- मरीज के लिए घर में एक अलग कमरा, टॉयलेट की व्यवस्था जरूरी है।
- जिस घर में 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग, गर्भवती महिला, 10 साल से कम आयु के बच्चे या अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज रह रहे हैं, उन घरों में संक्रमित मरीज को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- संक्रमित मरीज को आरोग्य सेतु एप और स्वास्थ्य विभाग के आइसोलेशन एप को अपने मोबाइल पर अनिवार्य रूप से डाउनलोड करना होगा।
- जिला स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारी ओर से गठित टीम होम आइसोलेशन की व्यवस्था का निरीक्षण करेगी। जिसके बाद ही संक्रमित मरीज को होम आइसोलेशन पर भेजा जाएगा।
- होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने अथवा उपचार की आवश्यकता की स्थिति में रोगी को शिफ्ट करने की कार्यवाही प्रशासन द्वारा की जायेगी।
होम आइसोलेशन की समाप्ति
संक्रमित मरीज के लिए घर पर ही आइसोलेट रहने की अवधि 10 दिन की होगी। सात दिन के बाद तीन दिन तक बुखार न आने की स्थिति में ही आइसोलेशन का समय समाप्त होगा। होम आइसोलेशन समाप्त होने पर सैंपल टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं होगी। होम आईसोलेशन के नियमों का पालन न करने या हालत गंभीर होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।