देहरादून: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर भाजपा ने बड़ी कार्यवाही की है। पार्टी से उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल से भी हरक सिंह रावत को बर्खास्त कर दिया गया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के हवाले से पार्टी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि, अनुशासनहीनता के कारण डॉ हरक सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया। उन्होंने कहा कि, पार्टी में अनुशासनहीनता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
बता दें कि, हरक सिंह रावत तीन दिन में दूसरी बार आज दिल्ली रवाना हुए। उनके दिल्ली जाने से सियासी तापमान अचानक गरमा गया। हरक सिंह अपने साथ ही बहू अनुकृति गुसाईं के लिए टिकट का दबाव बना रहे थे। चर्चा है कि मनमाफिक मुराद पूरी न होने पर वे भाजपा को बड़ा झटका भी दे सकते हैं। हालांकि इससे पहले ही भाजपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया।
इससे पहले हरक सिंह रावत बीजेपी की कोर ग्रुप की मीटिंग में भी नहीं पहुंचे थे। कोर ग्रुप का सदस्य होने के बावजूद भी हरक सिंह मीटिंग में नहीं आए थे। जिसके बाद अटकलें लगाई जा रही है कि हरक सिंह नाराज हैं। इसे उनके दबाव बनाने की राजनीति का हिस्सा माना जा रहा था।
उनसे जुड़े लोगों की माने तो वे कांग्रेस के भी संपर्क में हैं। कांग्रेस का एक बड़ा गुट हरक की कांग्रेसी में वापसी को लेकर लंबे समय से लगा हुआ है। हरक सिंह की पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह से हुई लगातार कई मुलाकातों को इसी से जोड़कर देखा जा रहा था। हरक भाजपा पर लगातार दबाव बनाए हुए थे। उनकी पहली प्राथमिकता अपने लिए केदारनाथ और बहू के लिए लैंसडोन है।
दरअसल हरक सिंह, लैंसडाउन से अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के लिए टिकट की पैरवी कर रहे हैं, मगर लैंसडाउन से विधायक दिलीप रावत इसके विरोध में हैं। साथ ही भाजपा संगठन भी हरक से नाराज है। कहा जा रहा है इसी को देखते निष्कासन का बड़ा फैसला लिया गया है।
वहीं चर्चा है कि, कल दिल्ली में हरक सिंह और उनकी पुत्रवधू अनुकृति कांग्रेस का दामन थाम सकती हैं। वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि हरक सिंह रावत के साथ ही कुछ दूसरे विधायक भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।