देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सियासत गरमा गई है। प्रदेश में लगातार दलबदल का खेल चल रहा है।
उत्तराखंड कांग्रेस में यशपाल आर्य की वापसी के बाद अन्य बागियों के लिए रास्ता खुलने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तीखे अंदाज में जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि, साल 2016 में सदन के पटल पर पैसों में बिककर जिन लोगों ने उनकी सरकार गिराई थी, वह लोग महापापी हैं। यह लोग जब तक सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं, उनके रहते कांग्रेस में इनकी एंट्री नहीं हो सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि, पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल विहारी वाजपेयी ने भी खरीद-फरोख्त की राजनीति को महापाप की संज्ञा दी थी। यदि फिर भी ऐसे महापापी कांग्रेस में आना चाहते हैं तो पहले उन्हें अपने पाप को स्वीकार करना पड़ेगा। सार्वजनिक तौर पर खेद प्रकट करना पड़ेगा, वह चाहें तो अपने कुलदेवता के सम्मुख भी ऐसा कर सकते हैं, लेकिन उन्हें बताना पड़ेगा कि उन्होंने महापाप किया था और वह इसके लिए क्षमा चाहते हैं। यदि ऐसा करते हैं तो वह रास्ते में नहीं आएंगे। बिना माफी ऐसे लोग कांग्रेस में प्रवेश करते हैं तो यह उनके लिए बहुत कठिन हो जाएगा।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि, यह सवाल सिर्फ उनकी सरकार गिराने का नहीं है, यह सवाल उत्तराखंड की मूल मान्यता और यहां की राजनीतिक संस्कृति पर भी एक काले धब्बे की तरह है।
वहीं इस पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने पलटवार किया है। अरविंद पांडेय ने बाकायदा मुहावरे का प्रयोग कर कहा कि, सूप (छाज) बोले तो बोले, छलनी भी बोले (अपने अवगुणों को न देखकर दूसरों की आलोचना करने वाला)। उन्होंने कहा कि, जो लोग राज्य की सबसे बड़ी व्यवस्था में बैठते थे, वो लोग आंखे मूंदकर कुछ भी लूटने की बात करते थे। आज वो पाप और पुण्य की बात कर रहे हैं। अरविंद पांडेय ने यहां तक कह दिया कि, पूरी कांग्रेस भ्रष्टाचारी, देशद्रोही और पापियों का प्लेटफॉर्म है।