रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाये शिक्षकों के मिलने का सिलसिला जारी है। अब रुद्रप्रयाग जिले के 10 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। एसआईटी जांच में जिले के 19 शिक्षकों की डिग्री फर्जी पाई गई थी। इनमे से विभाग ने दस के खिलाफ बृहस्पतिवार को बड़ी कार्रवाई की। जबकि बाकी नौ शिक्षकों के विरुद्ध जांच जारी है। इनमे प्राथमिक व जूनियर स्तर के शिक्षक शामिल हैं।
इन सभी शिक्षकों द्वारा 1994 से 2005 के बीच बीएड की डिग्री लेने की बात कही गई है, लेकिन चौधरी चरण सिंह विवि में इन वर्षों के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इसके आधार पर इनकी डिग्री को फर्जी माना गया है।
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बता दें कि, नैनीताल हाईकोर्ट में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाई शिक्षकों के खिलाफ मामले की सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ने 3 हफ्ते के भीतर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाए शिक्षकों की जांच पूरी करने को कहा है। कोर्ट के आदेश पर फर्जी शिक्षकों की डिग्री 3 हफ्ते में पूरी करने का शिक्षा विभाग पर बड़ा दबाव है।
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ऐसे में शिक्षा विभाग ने प्रदेश के प्राथमिक एवं जूनियर हाई स्कूल के सभी राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को 2 सप्ताह के भीतर अपने समस्त शैक्षिक एवं प्रशिक्षण प्रमाण पत्र स्वसत्यापित कर जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा कार्यालय में जमा करने के निर्देश दे दिए। जो शिक्षक प्रमाण पत्रों को स्व-सत्यापित प्रमाणित कर जमा नहीं करेगा। उस पर विभाग कार्रवाई करेगा। 22 अक्टूबर तक शिक्षा विभाग शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच कर शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध करा देगा। जिसे शिक्षा निदेशालय कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेगा।