चमोली: विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए आज रविवार को ब्रह्म मुहूर्त में 6:15 बजे खोल दिए गए. अब अगले छह महीने तक श्रद्धालु मंदिर में भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर सकेंगे. कपाट खुलने के पावन अवसर का साक्षी बनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे हैं. बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही जय बदरीनाथ के जयघोष से धाम गुंजायमान हो उठा.
इससे पहले शनिवार को पांडुकेश्वर के योग ध्यान बदरी मंदिर से बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, नायब रावल शंकरन नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल और बदरीनाथ के वेदपाठी आचार्य ब्राह्मणों की अगुवाई में भगवान उद्धव जी की डोली, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी व तेल कलश यात्रा (गाडू घड़ा) दोपहर बाद बदरीनाथ धाम पहुंची थी.
बद्रीनाथ धाम को मंदिर को फूलों और लाइट्स से सजाया गया है. अलकनंदा नदी के किनारे चमोली जिले की पहाड़ियों पर स्थित बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. बता दें कि वार्षिक चारधाम यात्रा 3 मई को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई. वहीं केदारनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे.
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