शिमला: देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढे जा रहा हैं। केंद्र समेत राज्य सरकारें लगातार इसके रोकथाम में जुटे हैं। इसी के चलते केंद्र सरकार ने देशभर में चौथी बार लॉकडाउन लागू किया। इसकी अवधि 31 मई तक है। इस बीच पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश ने 30 जून तक लॉकडाउन बढाने का फैसला लिया है।
हिमाचल सरकार ने हालांकि लॉकडाउन उन जिलों में बढाया है, जहां वायरस के संक्रमण का असर ज्यादा है। साथ ही हर जिले के डिप्टी कमिश्नर को अपने यहां लॉकडाउन की अवधि तय करने का अधिकार दिया है। वह जिले में कोरोना की स्थिति के अनुसार निर्णय लेंगे। हिमाचल में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 203 है। इनमें से तीन की मौत और 63 ठीक हो चुके हैं।
वहीं अब तक उत्तराखंड में ज्यादातर केंद्र की गाइडलाइन का ही अनुसरण किया गया। हालाँकि लॉकडाउन 4.0 में राज्य सरकारों को कुछ फैसलों में छूट के बाद उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में बढ़ते कहर के चलते सभी 13 जिलों को ऑरेंज जोन में डाल दिया। प्रदेश में हर रोज कोरोना के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। इनमे ज्यादातर दूसरे राज्यों से लौट रहे प्रवासी शामिल हैं। सरकार के अनुमान के मुताबिक प्रदेश में 5 लाख प्रवासी लौट सकते हैं, जिसके बाद कोरोना के ग्राफ में और तेजी आ सकती है। मुख्यमंत्री इससे पहले अंदेशा जता चुके हैं कि, प्रदेश में 25 हज़ार संक्रमित हो सकते हैं।
ऐसे में उत्तराखंड में भी जल्द लॉकडाउन बढाए जाने की घोषणा की जाती है तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा। वर्तमान स्थिति के अनुसार तो लॉकडाउन बढ़ाये जाने के साथ ही जांच में तेजी और क्वारंटाइन समेत अन्य व्यवस्थाएं अधिक दुरुस्त करने की जरूरत महसूस की जा रही है।
वहीं पड़ोसी राज्य हिमाचल से तुलना करें तो उत्तराखंड में स्थिति अधिक ख़राब है। उत्तराखंड कोरोना के मामले 349 तक जा पहुंचा है। वहीँ उत्ताराखंड में सक्रीय मरीज भी अधिक हैं। साथ ही कोरोना संक्रमण की जांच करने में भी उत्तराखंड पड़ोसी राज्य हिमाचल समेत तीन हिमालयी राज्यों जम्मू कश्मीर और त्रिपुरा से भी पिछड़ गया है।