नई दिल्ली: कोरोना वायरस की महामारी से दुनियाभर के देश त्रस्त हैं। इसी को लेकर कई देश इस खतरनाक वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। कई देशों में इसका ट्रायल चल रहा है। भारत भी इनमे शामिल है। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में 30 वर्षीय एक व्यक्ति को एरियल कोरोनवायरस वैक्सीन कोवाक्सिन की पहली खुराक दी गई। प्रारंभिक जांच और टेस्ट के बाद इस शख्स को ट्रायल के लिए चुना गया था। वैक्सीन लगाने के दो घंटे बाद तक उसे अंडर ऑब्जरर्वेशन रखा गया। इस दाैरान उन पर कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा।
कुल 12 वॉलंटियर्स को कई पूर्व परीक्षणों के लिए बुलाया गया था, जिनमें COVID-19 के लिए रक्त और नासोफेरींजल परीक्षण शामिल हैं। परिणामों के बाद, 10 स्वस्थ व्यक्तियों को अलग-अलग चरणों में दिए जाने वाले टीके के लिए चुना गया था।
पहली खुराक के बाद, उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर एक रिपोर्ट आचार समिति को सौंपी जाएगी, जो पूरी प्रक्रिया की समीक्षा करेगी। टीके की सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद अन्य लोगों को टीका लगाया जाएगा। इन परीक्षण के दौरान एम्स में 100 स्वस्थ लोगों का वैक्सीन ट्रायल किया जाएगा।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा ICMR और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित किए गए कोवाक्सिन (Covaxin) को हाल ही में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (DCGI) से मानव पर परीक्षणों के लिए मंजूरी मिली थी।
स्वदेशी कोरोना वैक्सीन Covaxin का देश के 12 संस्थानों में मानव परीक्षण होगा। जिन 12 संस्थानों में कोरोना वैक्सीन को लेकर मानव परीक्षण का काम चल रहा है, उनमें दिल्ली और पटना के AIIMS और हरियाणा के रोहतक का PGI भी शामिल है। तीन चरणों में होने वाले इस ट्रायल में पहले चरण की शुरुआत हो चुकी है और शुरुआती नतीजे वैज्ञानिकों के लिए उत्साहवर्धक हैं।