*यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला:अब तक 26*
पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जांच के क्रम में सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में थाना रायपुर में एसटीएफ द्वारा मुकदमा दर्ज कराया था।
एसटीएफ की टेक्निकल टीम द्वारा आयोग में गहन जांच बाद इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को पाने में सफलता प्राप्त की है।
उपरोक्त मामले में अभियुक्त प्रदीप पाल निवासी बाराबंकी उत्तर प्रदेश को साक्ष्य व गहन पूछताछ के बाद एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया गया है।
उपरोक्त अभियुक्त भी RIMS कंपनी का कर्मचारी था और आयोग में लंबे समय से कार्यरत था, जिसके द्वारा ही पेन ड्राइव के माध्यम से प्रश्न पत्र चुराया गया और अन्य साथियों की मदद से परीक्षार्थियों को लाखो रुपए में बेचा गया था।
एसटीएफ की अपील: जो छात्र सचिवालय रक्षक परीक्षा में अनुचित साधन से उत्तीर्ण हुए है, उनको चिन्हित कर लिया गया है। अपने बयान खुद आकर दर्ज कराने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।
बता दें कि, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने आउटसोर्स कंपनी आरआईएमएस टेक्नो सॉल्यूशन को भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र छापने के लिए प्रिंटिंग प्रेस को जिम्मेदारी दी थी। इसके कर्मचारियों ने ही सचिवालय रक्षक भर्ती और स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक किए थे। प्लान इतना फुल प्रूफ था कि उन्होंने तीन महीने में बिना किसी को भनक लगे दो परीक्षाओं के पेपर चोरी कर लिए।
पहले 33 पदों वाली सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक करने का ट्रायल हुआ। पेन ड्राइव के माध्यम से प्रिंटिंग प्रेस से ही पेपर की कॉपी को बाहर भेजा गया। माना जा रहा है कि, नकल माफियाओं ने छोटी परीक्षा होने के नाते पेपर लीक को सुरक्षित आंका था। इसके बाद 900 से अधिक पद वाली स्नातक स्तरीय परीक्षा में बड़े पैमाने पर खेल किया गया। इस बार पेन ड्राइव के बजाय टेलीग्राम ऐप के माध्यम से पेपर लीक किया गया।
विवादों में घिरने पर लखनऊ में पेपर छापने वाली प्रेस से प्रिंटिंग और पैकिंग के दौरान का सीसीटीवी फुटेज गायब हो गया। एसटीएफ ने अन्य कड़ियों को जोड़ते हुए कंपनी के कुछ कर्मचारियों को गिरफ्तार किया।
इसी क्रम में आज सबसे बड़ी कार्यवाही करते हुए एसटीएफ ने आरआईएमएस (RIMS) कंपनी लखनऊ के मालिक राजेश चौहान को गिरफ्तार किया। एसटीएफ ने पेपर लीक करने और केंद्रपाल व अन्य के माध्यम से सौदा करने के साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है।